मौसम मे हुये परिवर्तन के कारण हुई बारिश से वार्ड नं.१ मे झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते १ वर्ष से लगातार वे पट्टा पाना तहसील कार्यालय व नगर पालिका सहित जिलाधीश कार्यालय के चक्कर भी काट चुके है। हालांकि उनके पट्टे की फाईल कहा अटकी पड़ी है यह वे भी नही जानते। कई बार ज्ञापन तक दे चुके है। यह ऐसे ेलोग हे जो अति गरीबी रेखा मे आते है। करीब १० से १२ वर्ष से इसी स्थल पर निवास कर रहे है। जिनका बकायदा राशन कार्ड भी है मगर नही है तो सिर छुपाने के लिये पक्की छत। करीब २ दर्जन लोग पाल त्रिपाल की सहायता से झोपड़ी बनाकर रह रहे है मगर किसी भी मौसम मे अगर बारिश हो गई तो इनके झोपड़ीनुमा घरो मे पानी गिरना तय है। जिसकी वजह से न तो यह खाना बना पाते है और ना ही सो पाते है। बल्कि इनके घर के भीतर कीचड़ तक हो जाता है। बीते दिवस लगातार दो दिन हुई बारिश की वजह से इन लोगो का हाल बेहाल रहा है।
हाईकोटे के निर्देश पर वर्ष २०१३ मे टूट चुका है एक बार घर
गौरतलब है कि वर्ष २०१३ मे कुछ लोगो ने जैसे तैसे मकान का निर्माण किया था। मगर हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर प्रशासन के बुलडोजर ने इन्हे तोड़ दिया और यह आश्वासन दिया कि शीघ्र ही उन्हे पट्टा दिया जायेगा। मगर पूरे १० वर्ष बीत जाने के बाद भी इन्हे पट्टे का आवंटन प्रशासन से प्राप्त नही हुआ है। जिसकी वजह से ही यह लोग पाल त्रिपाल व साड़ी लगाकर झोपड़ी मे रहने मजबूर है।
पूरे घर के अंदर हो गया है कीचड़ – रमाबाई
इस संबंध मे पद्मेश को जानकारी देते हुये रमाबाई बोरकर ने बताया कि दो दिन से हो रही बारिश से हमारे घर मे इतना पानी टपका है कि पूरा घर कीचड़ मे तब्दील हो गया है। हमने पट्टे के लिये नगर पालिका तहसील कार्यालय व जिला कलेक्टर तक को आवेदन दिया है। सभी ने बोला की चुनाव के बाद सभी लोगो को पट्टा मिल जायेगा मगर ऐसा होते नही दिख रहा है। चुनाव का परिणाम जो भी हो हम विधायक के पास जायेंगे और उनके समक्ष अपनी मांग रखेंगे। हमे कितनी तकलीफ हो रही है यह हम ही जानते है। हमारे छोटे छोटे बच्चे है हम पानी गिरने के दौरान पूरी रात जागकर काटते है। हमारे आवेदन पर बनी फाईल का भी क्या हुआ यह हम नही जानते मगर इतना जरूर जानते है कि अगर हमे पट्टा नही मिला तो फिर हम सडक़ पर उतर जायेंगे और आंदोलन करेंगे।
सभी कार्यालय के काट चुके है चक्कर – प्रमिला करन
इसी तरह प्रमिला करन ने पद्मेश को बताया की जब जब पानी गिरता है तो पूरा घर टपकता है। मकान के भीतर कीचड़ हो जाता है। हम लोग सो नही पाते खाना तक नही बना पाते। हम किससे कहे की हमे क्या तकलीफ है। हम लोग कई वर्ष से रह रहे है। बीते १ वर्ष से लगातार हम पट्टा दिये जाने की मांग को लेकर नगर पालिका, तहसील कार्यालय, बालाघाट कार्योलय के चक्कर काट चुके है। सभी जगह हमे यही कहा गया कि आप लोगो को शीघ्र पट्टा मिल जायेगा मगर अभी तक पट्टा नही मिला है। अगर हमे पट्टा मिल जाये तो हम आवास योजना व इधर उधर से पैसे लेकर अपना घर बना सकते है। मगर ऐसा नही हो पा रहा है। हम लोग कैसे जीवन यापन कर रहे है हम ही जानते है।
मकान गीला होने के कारण पड़ गया बिमार – गणेश करन
वही गणेश करन ने पद्मेश को बताया कि दो दिन हुई बारिश की वजह से मेरे घर मे पूरी शीत आ गई है। मे खुद शीत रोग से ग्रसित हूॅ जिसकी वजह से बिमार हो गया हूॅ। छोटे मोटे डॉक्टर से अपना इलाज करवा रहा हूॅ क्योकि अच्छे डॉक्टर को देने के लिये मेरे पास पैसा नही है। अगर पट्टा मिल जाये तो जैसे तैसे हम अपना घर बना लेंगे।
इनका कहना है –
इस संबंध मे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री कामिनी ठाकुर से जब दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान मे नही है। फिर भी मे नजूल आरआई से इस बारे मे बात करूंगी।