दो वर्षों से ना गणवेश मिली, ना खाते में आई राशि स्कूली बच्चों ने शासन-प्रशासन से नई गणवेश वितरण करने की मांग की

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लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। म.प्र. में सरकारी स्कूल का नया शैक्षणिक सत्र एक जुलाई से प्रारंभ हो चुका है और स्कूलों में बच्चों की कक्षाएं भी संचालित होने के साथ ही पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है परन्तु शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को कोरोना काल के बाद से नि:शुल्क वितरण किये जाने वाली गणवेश (स्कूल ड्रेस) का लाभ नहीं मिल पाया है और न ही शासन की ओर से गणवेश के नाम पर खाते मेें राशि भी नही आई है। लालबर्रा विकासखण्ड में संचालित शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को कोरोना काल यानि विगत दो वर्ष से गणवेश नही मिली है और नया शिक्षण सत्र प्रारंभ हुए एक माह बित चुका है परन्तु स्कुलों में बच्चों को नई गणवेश नही मिलने से बज्चें फटी पुरानी ड्रेस (गणवेश) पहनकर स्कूल पहुंच रहे है तो वहीं कुछ बच्चे रंगीन ड्रेस में स्कूल आ रहे है जिससे उन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही बच्चें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व नये गणवेश मिलने की आस लगाये बैठे है। विदित हो कि लालबर्रा विकासखण्ड के अंतर्गत लगभग २०५ शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित है एवं नये शिक्षण सत्र २०२२-२३ में १५००० से अधिक बज्चे अध्ययनरत है जिन्हें भी नि:शुल्क गणवेश नहीं मिल पाई है। वहीं पिछले सत्र में भी हजारों बज्चों को इस नि:शुल्क गणवेश वितरण योजना का लाभ नही मिल पाया है। शासन के द्वारा शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को वर्ष में दो ड्रेस वितरित किया जाता था परन्तु विगत दो वर्ष से स्कूली बच्चों को गणवेश (ड्रेस) नही मिलने से फटी-पुरानी ड्रेस पहनकर स्कूल आना पड़ रहा है। वहीं स्कूल प्रशासन को भी नि:शुल्क गणवेश वितरण के संबंध में कोई दिशा-निर्देश भी शासन से प्राप्त नही हुए है जिससे ऐसा लगता है कि बच्चें फटी-पुरानी ड्रेस में ही स्वत्रंतता दिवस का पर्व मनायेगें। स्कूली बच्चों ने शासन-प्रशासन से स्वतंत्रता दिवस पर्व के पूर्व नई गणवेश प्रदान करने की मांग की है।
पुरानी ड्रेस में मनायेगें राष्ट्रीय पर्व
लालबर्रा विकासखण्ड में २०५ शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल संचालित है एवं १ जुलाई से नया शिक्षण सत्र प्रारंभ हो चुका है परन्तु स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को नि:शुल्क गणवेश वितरण योजना के तहत पिछले वर्ष से गणवेश (ड्रेस) नही मिलने से उन्हे पुरानी ड्रेस में ही स्कूल जाना पड़ रहा है। शासन के द्वारा जब नि:शुल्क गणवेश वितरण की योजना प्रारंभ की गई थी और शुरूआती दौर में स्कूल प्रारंभ होने के साथ ही गणवेश (स्कूल ड्रेस) बच्चों को वितरित कर दिये जाते थे परन्तु कोरोना काल से समय पर बच्चों को गणवेश का वितरण नही किया जा रहा है जिससे बच्चें व अभिभावकों में शासन की इस रवैया से आक्रोश व्याप्त है। आज से १५ दिन बाद यानि १५ अगस्त को राष्ट्रीय पर्व पूरा देश हर्षोल्लास के साथ मनायेगा परन्तु शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को नई गणवेश (ड्रेस) न ही मिलने के कारण वे फटी, पुरानी गणवेश (ड्रेस) में ही स्वतंत्रता दिवस मनायेगें।
स्व सहायता समूह करता था गणवेश सिलाई का कार्य
शासन के द्वारा गणवेश सिलाई का कार्य स्व सहायता समूह को दिया जाता था जिससे स्व सहायता समूह की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और उन्हें इस योजना के तहत रोजगार मिल सके परंतु शासन की यह मंशा कोरोना के बाद से पुरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। कोरोना के बाद से शासन के द्वारा बच्चों को गणवेश वितरण का कार्य बंद कर दिया गया है जिससे इन स्व सहायता समूह को गणवेश सिलाई से जो आर्थिक सहयोग मिलता था वह भी अब बंद हो चुका है जिससे स्व सहायता समूहों को भी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है।
पुरानी ड्रेस पहनकर आते है स्कूल – गीता
छात्रा गीता घाटे ने बताया कि कक्षा छटवीं में थे उस समय स्कूल से नि:शुल्क गणवेश (ड्रेस) मिली थी उसके बाद से नही मिली है इसलिए पुरानी ड्रेस पहनकर स्कूल आ रहे है जो छोटी होने के साथ ही पुरानी भी हो चुकी है साथ ही नये बच्चे रंगीन कपड़े पहनकर आ रहे है और स्कूल से ड्रेस मिलेगी इस बात को लेकर सभी बच्चे खुश है परन्तु अब तक नही मिली है इसलिए शासन-प्रशासन सेे मांग है कि नि:शुल्क गणवेश वितरण योजना के तहत गणवेश (ड्रेस) का वितरण हमें जल्द किया जाये।
इनका कहना है।
पिछले सत्र से बच्चों को गणवेश नही मिली है जिसके कारण वे पुरानी ड्रेस (गणवेश) पहनकर ही स्कूल आ रहे है जिसमें कुछ बच्चों की ड्रेस छोटी व फट भी चुकी है एवं नये प्रवेशी बज्चें रंगीन कपड़े पहनकर आ रहे है साथ ही यह भी बताया कि कक्षा पहली से आठवीं तक १८० बच्चें अध्ययनरत है जो बार-बार पूछते है कि गणवेश कब मिलेगी परन्तु शासन स्तर से ही गणवेश को लेकर कोई आदेश नही आये है, गणवेश उपलब्ध होने पर बच्चों को वितरण कर दिया जायेगा।
राजेशकुमार दुबे
प्रधानपाठक
एकीकृत शासकीय कन्या माध्यमिक स्कूल अमोली।
इनका कहना है
वर्ष २०२१-२२ में कोरोना काल के दौरान बज्चों को स्व सहायता समूह के माध्यम से गणवेश का वितरण किया गया है परन्तु कुछ विद्यालय के बज्चें छुट गये थे जिनके लिए गणवेश की मांग की गई थी परन्तु उपलब्ध नही होने के कारण उन्हे वितरण नही किया गया एवं नया शिक्षण सत्र जुलाई माह से प्रारंभ हो चुका है और विकासखण्ड में २०५ शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूल है जहां लगभग १५००० बज्चों ने प्रवेश लिया है परन्तु नया शिक्षण सत्र के लिए भी गणवेश वितरण करने के संबंध में शासन स्तर से कोई आदेश प्राप्त नही हुए है।

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