बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
नगर को खेल, शिक्षा और नल जल योजना सहित अन्य सौगात देने वाले महान दानवीर दीवान बहादुर मुलना साहब की जयंती नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।जहां 156वी जयंती पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए।इस दौरान शासन प्रशासन के प्रतिनिधि, समाजसेवियों और विभिन्न संगठन संस्था के सदस्यों सहित नागपुर से पधारे पारसी समाज के पदाधिकारियों ने आम जनों के साथ मुलना जी की समाधि स्थल पर फूल मालाएं अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वही नगर के विकास कार्यों के लिए मुलना जी द्वारा किए गए कार्यों का बखान कर मुलना जी की जीवनी से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। वही मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।जगह-जगह आयोजित कार्यक्रमों के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन, कलेक्टर मृणाल मीणा, पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह,पूर्व नपाध्यक्ष रमेश रंगलानी, उदयसिंह नगपुरे, मौसम हरिनखेड़े, ऋ़षभ वैद्य, विजय वर्मा, अभय सेठिया, लता एलकर, कमलजीतसिंघ छाबड़ा, किरणभाई त्रिवेदी, रिटायर्ड जज सुरेन्द्र तुरकर, सुब्रत राय, भानु चौधरी, तपेश असाटी, अजय सोनी, देवेन्द्र चंदेल, युनुस खान, पॉलीटेक्निक प्राचार्य, प्रिंिसपल, विभाग कृष्णकुमार चौरसिया, आलोक नेमा, परेश बाफना, शीनु श्रीनिवास, सुभाष गुप्ता और महाविद्यालय छात्र, छात्राएं उपस्थित थे।
इन कार्यक्रमों के हुए आयोजन
मुलना खेल परिसर समिति और नगर पालिका के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इन कार्यक्रमों के तहत 25 अक्टूबर शुक्रवार को मुलना साहब की जयंती पर मिनट टू मिनट कार्यक्रमों के आयोजन किया गया जिसमें सर्वप्रथम सुबहा बस स्टैंड में मुलना साहब की मूर्ति पर नगर पालिका अध्यक्ष मुलना समिति के सदस्यों व उपस्थित जनों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।तो वही सुबह खेल संघों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा कराते हॉल में मुलना साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। वही मुलना साहब की समाधी स्थल पर पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन कर नगर में दिए गए उनके योगदान को याद किया गया।।जिसके उपरांत सुबह पॉलीटेक्निक कालेज में म्युजियम का उदघाटन कर, पॉलीटेक्निक कालेज मे सभा मंच पर मंचीय उदबोधन कार्यक्रम सम्पन्न कराए गए।जिसकी शुरूआत अतिथियों के आगमन से हुई जहां अतिथियों का स्वागत कर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए।इसमें मंच संचालन विजय वर्मा द्वारा, पूर्व नपा अध्यक्ष रमेश रंगलानी ,पारसी बंदुओं में से सिराज ढूंगा (नागपुर ), पुलिस अधीक्षक,कलेक्टर नगर पालिका अध्यक्ष,बालाघाट विधायक, सांसद महोदया सहित अन्य ने अपने उद्बोधन में उन्हें याद किया।इस दौरान नागपुर से पधारे पारसी बंदुओ का सॉल एवं मोमेंटो से जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन द्वारा सम्मान किया गया।जिसके बाद जिला खेल अधिकारी द्वारा कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन कर अंत मे स्वलपाहार कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया वही फिल्टर प्लांट का नामाकरण कार्यक्रम बूढी में आयोजित कर अन्य कार्यक्रम संपन्न कराए गए।
मुलना जी ने नगर को दी है अनेक सौगात
आपको बताए कि 25 अक्टूबर 1868 को जन्में मुलना जी एक उच्च शिक्षित खनिज व्यापारी थे। बहुमुखी प्रतिभा के चलते वे प्रसिद्ध वकील, सीपी लेजिस्लेटिव कॉसिंल के सदस्य, जिला पंचायत बालाघाट अध्यक्ष, नपा परिषद बालाघाट में 1914 से 1919 तक अध्यक्ष जैसे कई महत्वूपर्ण पदों पर रहे। नगर वास्तव में दीवान बहादुर मुलना की धरोहर है।उन्होंने न केवल नगर की सबसे बड़ी पेयजल सेवा नगरपालिका के माध्यम से नगरवासियो को सौंपी, बल्कि नगर का फिल्टर प्लांट, शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुलना स्टेडियम सहित कई भवन व भूमि आज मुलना जी की ही देन हैं। उनके सार्वजनिक सेवाओं एवं निष्ठा के चलते उन्हें खान बहादुर का सम्मान प्राप्त हुआ, जो बाद में परिवर्तित होकर दीवान बहादुर हो गया। यही नहीं उन्होंने अपनी समस्त सम्पत्ति शेयर सर्टिफिकेट ट्रस्ट के रूप में बालाघाट नगर के जलप्रदाय, स्वास्थ्य, शिक्षा, एवं खेल आदि के विकास के लिए सौंपे।ऐसे महादानी की जयंती पर उन्हें 25 अक्टूबर को प्रतिवर्ष याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
विभिन्न वक्ताओं ने जयंती विशेष पर रखे विचार
नगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में आयोजित मंची कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने बताया कि पॉलीटेक्निक कॉलेज का नाम दानवीर मुलनाजी के नाम से किए जाने को लेकर सरकार को पूर्व में प्रस्ताव भेजा गया है। इस मामले में प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रशासन पूरा करवाए।नपाध्यक्ष भारती ठाकुर ने बताया कि बालाघाट की माटी में ही सम्मान देने का गुण छिपा है, जिसका सम्मान युवा पीढ़ी भी करेगी। कलेक्टर मृणाल मीणा ने कहा कि दानवीर मुलनाजी ने पब्लिक सर्विस के लिए जो किया, वह हमें इंस्पायर करता है और हम इससे प्रेरणा लेंगे। एसपी नगेन्द्रसिंह ने कहा कि हम इनके विजन को आगे लेकर जाएंगे और ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी यदि इससे प्रेरित हो सके।