07 अगस्त को प्रेरक संघ ने भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में संघ विभाग प्रमुख राजेश वर्मा की उपस्थिति में बैठक की और तय किया गया कि सरकार से प्रेरकों की सेवा बहाल करने की मांग और प्रदेश में रिक्त एक लाख शिक्षक पदों पर भर्ती की जाने की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन को गति दी जाने की रणनीति बनाई गई। जिसके तहत विधायक और सांसदों को ज्ञापन दिया जायेगा। जिसकी शुरूआत जिला प्रशासन को प्रेरको द्वारा ज्ञापन से की गई।
निष्कासित प्रेरकों बताया कि संविदा प्रेरकों की राज्य सरकार के अधीन संचालित साक्षर भारत मिशन वर्ष 2012 और 13 से वर्ष 2018 के अंतर्गत कार्यरत संविदा प्रेरकों को राज्य शिक्षा केंद्र पत्रानुसार नियुक्ति प्रदान की गई है जिन्हें बिना किसी पूर्व सूचना पत्र के पद से पृथक 31 मार्च 2018 को कर दिया गया है। प्रेरकों की बहाली को लेकर ज्ञापन लगातार राज्य शिक्षा केंद्र और मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं उसके बाद भी संविदा प्रेरकों को न तो कोई आश्वासन दिया गया है न सेवा बहाल की जाए जिसके चलते सभी निष्कासित प्रेरकों के द्वारा निर्णय लिया गया कि सेवा बहाली को लेकर आंदोलन किए जाएंगे।
23हजार900 प्रेरक 2018 से हम लोग हैं बेरोजगार = सुंदरलाल बिंझाड़े
प्रेरक संघ जिला अध्यक्ष सुंदरलाल बिंझाड़े ने बताया कि 2012 और 13 में हम लोग की नियुक्ति हुई थी और 2018 मध्य प्रदेश सरकार सेवा से बर्खास्त करने के बाद लगातार प्रेरक संघ अपनी सेवा को बहाल करने सरकार का ध्यानाकर्षण करवा रहा है। लगातार आंदोलन ज्ञापन धरना प्रदर्शन पत्र व्यवहार के माध्यम से अपनी बहाली के लिए मांग करते आ रहे हैं आज दिनांक तक वर्तमान सरकार ने हम लोगों की बहाली नहीं की है फिर भी हम लोग हताश हो चुके हैं वर्तमान समय में जहां सरकार अन्य कर्मियों को सौगाते दे रही है हम लोग भी 2018 से बेरोजगार हो चुके हैं हमें भी रोजगार से जोड़ा जाए तो हमारी भी मांग है कि प्रेरकों की महापंचायत बुलाकर सरकार उनके भविष्य के बारे में भी निर्णय ले और यदि सरकार ऐसी करती है तो निश्चित ही प्रदेश के 23 हजार 9 सौ प्रेरक सरकार के साथ होंगे। उन्होंने कहा कि एक बार फिर प्रेरक अपनी हक और अधिकार की लड़ाई को शुरू करने जा रहा है।
प्रेरकों की भी सरकार महापंचायत बुलाकर सेवा बहाल करें = राजेश वर्मा
भारतीय मजदूर संघ के विभाग संयोजक राजेश वर्मा ने बताया आज भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में भारतीय मजदूर संघ से संबंधित मध्य प्रदेश प्रेरक शिक्षक संघ आज बैठक आयोजित की गई है 2012 से 2018 तक लगातार सेवा में काम कर रहे थे और सरकार इनको लगातार मानदेय दे रही थी लेकिन अचानक 2018 में सरकार की एक नीति आई इनको नौकरी से बर्खास्त किया जाए ऐसी परिस्थिति में नौकरी से बर्खास्त किया गया उसके बाद मध्य प्रदेश प्रेरक संघ ने और भारतीय मजदूर संघ के माध्यम से भी और अन्य संगठन के माध्यम से 1 लंबी लड़ाई लड़ी कई बार धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण किए की सेवा बहाली की जाए। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा किसी प्रकार की सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। मध्य प्रदेश सरकार की निंदा करते हुए प्रेरक संघ के द्वारा कई बार आंदोलन किए गए भोपाल में प्रदर्शन किया गया लेकिन सरकार के द्वारा इनकी सेवा को बहाल नहीं किया गया। वर्तमान में जिस तरीके से देखा जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा रोजगार सहायक पंचायत सचिव और अन्य संगठनों की महापंचायत बुलाकर उनकी प्रमुख मांगों को माना जा रहा है और उनके मानदेय भी बढ़ाए जा रहे हैं। उनको न्यूनतम वेतन भी दिया जा रहा है उनको सामाजिक सुरक्षा भी दी जा रही है। मध्य प्रदेश प्रेरक संघ लगातार सेवा बहाली को लेकर मांग की जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा बोला जा रहा है कि एक लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। सरकार को इनकी सेवाओं को बहाल कर प्रदेश में खाली एक लाख पदो पर इन्हें नियुक्ति दी जानी चाहिये। चूंकि प्रेरकों ने विपरित परिस्थिति और कम मानदेय में प्रदेश की साक्षरता को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में बैठे कर्मचारी संगठनों के बड़े नेताओं से उनकी चर्चा हुई है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि प्रेरकों की समस्या को सरकार तक पहुंचायेंगे। भारतीय मजदूर संघ कार्यालय बुढ़ी में आयोजित बैठक में काफी संख्या में जिले के प्रेरक साथी मौजूद थे।