पक्के मकान कि आस में बेघर हो गए दो परिवार

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान का सपना देखना, दो आदिवासी परिवारों को उस वक्त महंगा पड़ गया। जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए उन्होंने अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया। जहां जिओ टेकिंग होने के बाद मकान बनाने के लिए पहली किस्त के रूप में 25000 भी शासन द्वारा भेज दिए गए और जब आदिवासी परिवार ने उक्त जमीन पर मकान का निर्माण करना शुरू किया तो पंचायत में उनके मकान निर्माण पर ही रोक लगा दी और उक्त स्थान पर जाली लगाकर उसकी फेंसिंग करा दी। इसके बाद से आदिवासी परिवार बेघर हो गया है और अब वह उक्त स्थान पर पीएम आवास योजना के तहत अपने सपनों का आवास बनाने के लिए शासकीय कार्यालय के चक्कर काटता नजर आ रहा है। मामला जनपद पंचायत किरनापुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत करियादंड के तेंदुटोला का है। जहां के उक्त दोनों परिवारों के सदस्यों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में शिकायत करते हुए उनकी इस समस्या का निदान किए जाने की गुहार लगाई है।

पक्के के सपने में कच्चा मकान भी गया, आ गए सड़क पर
इश्क शिकायत लेकर अपने परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्रामीण हंशलाल कावरे ने बताया हमारा कच्चा मकान था, पीएम आवास का लाभ मिलते ही कच्चा मकान को तोड़ दिया अब उसी भूमि पर पंचायत ने जाली कराकर मकान बनाने में रोक लगा दी। इससे तो अच्छा ही था कि हमारा कच्चा मकान ही रह जाता! लेकिन पक्के मकान के सपने में हमारा कच्चा मकान भी चल गया और हम लोग सड़क पर आ गए।

महापुरुषों की प्रतिमा लगाने हमें किया गया बे-दखल
फरयादी हंशलाल कावरे, ने बताया कि हमारा कच्चा मकान दो पीडिय़ों से वहीं था, इस बार प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला हैं। जिसके तहत पहली किस्त 25 हजार रूपये आवास निर्माण के लिए मिली हैं। उसके बाद सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक के द्वारा बोला गया कि आवास का निर्माण जल्द करना हैं, जिसके बाद हमने कच्चा आवास को तोड़ दिया। फिर सरपंच पति, रोजगार सहायक सहित अन्य मरारमाली समाज के लोगों के द्वारा बोल दिया गया कि वह जमीन रोड़ मद की भूमि हैं अब वहा पर महापुरूषों की प्रतिमा स्थापना होंगी।ऐसा कहकर उक्त स्थान पर फेंसिंग जाली लगा दी गई है और हमें उक्त स्थान से बेदखल कर दिया गया है।जिस भूमि पर पीढी दर पीढी निवास करते थें वहीं मकान बनाने को लेकर रोक लगा दी गई हैं और वहा पर जाली लगाकर बंद कर दिया गया हैं। गांव के लोग जहां हमारा मकान था उसी जगह पर महात्मा ज्योतिबाराव फुले व माता सावित्री बाई फुले की मुर्ती स्थापित करना चाह रहें हैं। जबकि शासन के द्वारा उक्त भूमि का पट्टा भी दिया गया हैं। जबकि गांव में अन्य जगह खाली हैं। तोड़े गये मकान की जगह पर फेंसिंग लगा दी गई हैं अब हम सडक़ के किनारे झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। हम चाहते हैं कि पीएम आवास का निर्माण के लिए हमें मकान बनाने दिया जाए या फिर कहीं भूमि देकर पक्का आवास निर्माण कराया जाए। लेकिन हमें दूसरी जमीन भी नहीं दी जा रही है कहते हैं कि गांव के बाहर जाकर मकान बना लो ऐसा कैसे होगा। इसीलिए आज हम कलेक्टर कार्यालय आए हैं।

जमीन रोड मद की भूमि हैं-अर्जुन बाहे
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत करियादंड सचिव अर्जुन बाहे ने बताया की ग्राम पंचायत के तेंदूटोला निवासी दो आदिवासी परिवार का पीएम आवास के तहत मकान आया हुआ हैं, जिस मकान में निवास करते थे वहीं से जीओ टेकिंग करते हुए पहली किस्त भी आई हैं, अब वह जहां भी मकान बनायेगें वहा का जीओं टेकिंग किया जायेगा। जिस जमीन पर उनका मकान था वह जमीन रोड मद की भूमि हैं। इसकी जानकारी उन्हें दी जा चुकी है

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