नगर में स्थित दिगंबर जैन मंदिर में 9 सितंबर को जलविहार कर अभिषेक किया गया। जिसमें दिगंबर जैन मंदिर से जलविहार के लिए रैली निकाली गई जो नगर के विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए कुए का जल लेकर सभी दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे जहां पर भगवान महावीर की प्रतिमा का अभिषेक कर शांति धारा पाठ एवं पूजन अर्चन किया गया। विदित हो कि 31 अगस्त से दिगंबर जैन मंदिर में महापर्व दस लक्षण पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप मनाया गया। जिसमें प्रतिदिन मंगलाष्टक अभिषेक शांतिधारा तत्पश्चात आरती फिर प्रवचन में ग्रंथ तत्वार्थ सूत्र का वाचन कार्यक्रम किए गया। वही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस दौरान छतरपुर निवासी यश धुवारा श्रमण संस्कृति संस्था जयपुर के विद्वान वक्ता अभिषेक शास्त्री द्वारा दशधर्म उत्तम क्षमा मार्जव आर्जव संयम तप त्याग अकिंचन ब्रह्मचर्य उत्तम तप एवं त्याग की महिमा व्याख्यान के बारे में बताया गया। उक्त महापर्व का समापन 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर्व पर जलविहार कर किया गया। वही 10 सितंबर को प्रातः 9 बजे तपस्वी की पारणा एवं सम्मान तथा दोपहर में दिगंबर जैन मंदिर से श्री जी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा संपूर्ण नगर का भ्रमण कर वापस दिगंबर जैन मंदिर पहुंचेगी जहां पर कलशो की बोली कर अभिषेक पूजन का कार्यक्रम होगा और तत्पश्चात संध्या में साधर्मियो का वात्सल्य भोज किया जाएगा इसके साथ ही कार्यक्रम समापन होगा।
पदमेंश से चर्चा में समाज के सदस्य विनीत जैन ने बताया कि जलविहार का कार्यक्रम दिगंबर जैन मंदिर में किया गया क्योंकि अनंत चतुर्दशी पर्व पर भगवान का जलविहार होता है। इसमें इस कल्पना से जल विहार कराया जाता है कि क्षीरसागर का जल लेकर आए हैं और उससे अभिषेक करने के बाद शांतिधारा और पूजन किया गया। श्री जैन ने बताया कि इस 10 दिवसीय पर्व का समापन 10 सितंबर को श्री जी की भव्य शोभायात्रा निकालकर किया जाएगा। प्रतिदिन मंदिर में धार्मिक मान्यता अनुरूप पूजा अर्चना कर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किये गये।