Chauri Chaura Centenary Celebration: देश की आजादी की लड़ाई के दौरान घटी चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के शताब्दी समारोह की शुरुआत गुरुवार को हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में मौजूद रहे, जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं। 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा था, बहुत व्यापक था। अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी-चौरा की बात हुई उसे एक मात्र मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया, लेकिन आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्या वजह थी, ये भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है। आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा।
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चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। ये प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी।
जानिए क्या था चौरी चौरा कांड
4 फरवरी 1922 को चौरीचौरा कांड हुआ था। उत्तर प्रदेश के इस नगर के भोपा बाजार में सत्याग्रही जुटे थे। यहां आजादी के परवाने आक्रोशित हो उठे और उन्होंने अंग्रेजों पर हमला कर दिया। अंग्रेज भागकर थाने में छिप गए। थाने को सत्याग्रहियों ने घेर लिया। पुलिस की ओर फायरिंग शुरू हुई, जिसमें तीन सत्याग्रही मौके पर शहीद हो गए। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस चौकी को आग लगाकर दारोगा समेत 23 पुलिसकर्मियों को जला दिया था।