पैसे लेकर दी गई नर्सिंग कालेजों को मान्यता!

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भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने नर्सिंग कालेजों को मान्यता देने में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कालेजों को मान्यता पैसे लेकर दी गई है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने कल जवाहर चौक के पास स्थित मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने रजिस्ट्रार की नाम पट्टिका पर कालिख पोत दी। यहां करीब 50 कार्यकर्ता पहुंचे थे। काउंसिल से इन्हें बाहर निकालने के लिए पुलिस भी पहुंची। इसमें दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने आरोप लगाया गया कि प्रदेश सरकार लाखों नर्सिंग छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। एनएसयूआई ने गंगा जल छिड़क कर शुद्धिकरण किया। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी नहीं स्र्की तो मुख्यमंत्री निवास का भी घेराव किया जाएगा। एनएसयूआई ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर भी आरोप लगाए। रवि परमार ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रार पद की जिम्मेदारी योग्य और ईमानदार व्यक्ति को नहीं दी जा रही है। नर्सिंग काउंसिल के कर्मचारियों के भी नर्सिंग कालेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने काउंसिल के एक कर्मचारी का नाम लेकर नर्सिंग कालेजों से वसूली करने के आरोप लगाए । उन्होंने इस कर्मचारी पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग शासन से की है। उधर, मापदंड पूरा नहीं होने के बाद 49 कालेजों को मान्यता देने के आरोप में हाईकोर्ट के निर्देश पर रजिस्ट्रार सुनीता शिंजू को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है। उनकी जगह जीएमसी में दंत रोग विभाग में सह प्राध्यापक डा. योगेश शर्मा को को प्रशासक बनाया गया है। मालूम हो कि ला स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 94 मेडिकल कालेजों की मान्यता निरस्त करने को कहा था। इनकी मान्यता काउंसिल ने रदद कर दी है। वहीं 23 अगस्त को रजिस्ट्रार ने प्रदेश के 93 कालेजों की मान्यता निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।

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