झारखंड में कोरोना के घटते मामलों और त्योहारी सीजन के दबाव के चलते प्रदेश सरकार ने कोरोना से जुड़ी पाबंदियों में ढील देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में फैसला हुआ कि राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को आमजनों के खोल दिया जाएगा। बड़े मंदिरों में एक घंटे में सौ लोग शामिल हो सकेंगे, जबकि छोटे धार्मिक स्थल में 50 फीसदी लोग शामिल हो सकेंगे। वहीं छठी कक्षा से ऊपर के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए जाएंगे, जबकि कॉलेज आदि पहले की तरह चलते रहेंगे। प्रदेश में बार एवं रेस्टोरेंट भी रात के 11 बजे तक खुले रहेंगे।
पूजा-पंडालों और धार्मिक स्थलों के लिए जारी गाइडलाइंस
प्रदेश में अगले महीने से नवरात्र शुरु होनेवाले हैं और पंडालों की सजावट और मूर्ति निर्माण का काम जोरों पर है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति देते हुए कुछ नये गाइडलाइन्स जारी किये हैं।
- धार्मिक स्थल पर संचालन से सभी संबंधित व्यक्ति जैसे पुजारी, पांडा, इमाम, पादरी इत्यादी का कम से कम एक टीका लेना अनिवार्य होगा।
- जिलाधिकारी द्वारा चिन्हित धार्मिक स्थल जैसे देवघर स्थित बाबा धाम मंदिर इत्यादि में ई-पास के माध्यम से अधिकतम 100 व्यक्ति एक घंटे में प्रवेश कर सकेंगे।
- धार्मिक स्थल पर स्थान की 50% क्षमता में एकत्रित होने की अनुमति दी गई, लेकिन 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के प्रवेश पर रोक रहेगी।
- सामाजिक दूरी बनाना अनिवार्य होगा और बिना मास्क के प्रवेश नहीं होगा।
- दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण की अनुमति दी गई है, लेकिन पंडाल में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी।
- पंडाल में एक समय में क्षमता का 50% या 25 से अधिक व्यक्ति ( जो कम हो) के एकत्रित होने पर रोक रहेगी।
- मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 5 फीट होगी, कोई तोरण या स्वागत द्वार नहीं बनेगा, पंडाल किसी थीम पर आधारित नहीं होगा और भोग या प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा।
- इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे गरबा, डांडिया इत्यादि प्रतिबंधित रहेंगे।
दुर्गा पूजा समितियों ने जताया असंतोष
रांची जिला दुर्गा पूजा समिति ने कहा है कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े एवं भव्य कार्यक्रम के लिए सरकार को 3 महीने पूर्व गाइडलाइन जारी करनी थी। मूर्तिकार हमेशा से 2 महीने पहले मूर्ति बनाना शुरु कर देते हैं, ऐसे में 5 फीट का प्रतिबंध अनुचित है। सरकार को मूर्तिकारों की भी रोजी-रोटी का ध्यान रखना चाहिए।