प्रदेश में हालमार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं, 31 अगस्त तक कैसे पूरा होगा लक्ष्य

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फिलहाल हालमार्किंग के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इंदौर शहर में रोजाना पांच हजार से ज्यादा गहनों पर हालमार्क की जरूरत है लेकिन क्षमता इससे बहुत कम है। सिर्फ चार सेंटर हैं। इनमें से प्रत्येक की औसत क्षमता 300 की है। ऐसी स्थिति में 31 अगस्त से पहले पुराने माल की हालमार्किंग करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। जरूरत है कि समय सीमा बढ़ाई जाए।

यह बात ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कही है। उनका कहना है कि अनिवार्य हालमार्किंग का स्वागत कर अब व्यपारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। सचिव संतोष सराफ ने बताया कि देश में केवल 933 हालगार्किंग सेंटर हैं। इनकी औसत क्षमता 300 जेवर को रोजाना हालमार्क करने की है। वर्तमान में 59390 व्यापारी अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। चिंता इस बात की है कि ऐसी विषम परिस्थिति में 31 अगस्त तक पुराने स्टाक पर हालमार्किंग का लक्ष्य कैसे हासिल हो सकेगा।

एक तरफ व्यापारी अपने स्टाक को जल्द से जल्द हालमार्क कराने में जुटे हैं दूसरी तरफ दूसरी तरफ विभाग ने नोटिस देना शुरू कर दिया है। इससे व्यापारियों में असंतोष व्याप्त है। एसोसिएशन अध्यक्ष पंकज अरोरा ने इस संबंध में सदस्यों की आकस्मिक बैठक भी बुलवाई थी। इसमें व्यापारियों ने पुराने स्टाक को हालमार्क कराने हेतु समय सीमा को कम से कम वर्ष आगे बढ़ाने की मांग की।

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