प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज हुआ ग्रामीण पटेल कल्याण संघ

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प्रदेश सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहे ग्रामीण पटेल कल्याण संघ ,प्रदेश की शिवराज सरकार से खासा नाराज है। जिन्होंने ग्रामीण पटेलो के अधिकार समाप्त करने और उन्हें मानदेय सहित अन्य सेवाओं से मुक्त करने पर अपनी नाराजगी जताते हुए प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जिन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को 5 सितंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए 5 सितंबर को मुख्यमंत्री के बालाघाट आगमन पर उनकी समस्त मांगे पूरी ना होने पर कांग्रेस का दामन थामने की चेतावनी दी है। जिन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालाघाट आगमन पर पटेलो की विभिन्न मांगों को पूरा करने की घोषणा नहीं करते, तो पटेल संघ के बीजेपी समर्थक सभी पदाधिकारी सदस्य कांग्रेस का दामन हम लेंगे। जिसकी तमाम जानकारी ग्रामीण पटेल कल्याण संघ द्वारा सोमवार को नगर के बस स्टैंड स्थित धर्मशाला में आयोजित एक बैठक में दी गई।जिसमें ग्रामीण पटेल कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी पटेलों को उनके अधिकार देने, पटेलो को पूर्व में दिया गया मान सम्मान वापस दिलाने और पटेलों के महत्व को बरकरार रखते हुए उनकी समस्त मांगे जल्द से जल्द पूरी किए जाने की गुहार लगाई है। इस दौरान ग्रामीण पटेल कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल शरणागत, जिला अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार लिल्हारे, उपाध्यक्ष टेकचंद बोपचे, सचिव तेजूलाल पारधी, संयुक्त सचिव जगदीश बघेल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सदस्य ईश्वर दयाल हनमत,ओंकारसिंह वाडीवा ,फकीरचंद खवसे, सुंदर सिंह मरकाम, सीताराम उईके, अमर सिंह देशमुख, शिवराम पटेल सहित अन्य पदाधिकारी, सदस्य व ग्रामीण पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इन मांगों पर की चर्चा
राजस्व की वसूली करने के पटेल को अधिकार दिए जाने, किस्त बंदी के कार्य प्रतिवर्ष पटेलों दिए जाने, जिन ग्रामों में ग्रामीण पटेल पद रिक्त है, उनको यथाशीघ्र भरे जाने, ग्रामीण पटेल जो पूर्व में थे, उनको यथावत रखने,भू-राजस्व संहिता की धारा 222 से 229 की अधिकार की जिम्मेदारी पटेलों को दी जाने। ग्राम पंचायत के मनोनीत पंच एवं आम सभा में पटेलो को प्रतिनिधि बनाने, कोई भी जांच पटेल के समक्ष करने।ग्रामीण पटेल को प्रतिवर्ष.मानदेय के रूप में उचित पारिश्रमिक देने, ग्रामीण पटेल को वर्तमान में छत्तीसगढ़ / महाराष्ट्र / हरियाणा एवं अन्य प्रांतों में जिस प्रकार से प्रतिमाह मानदेय दिया जाता, उसी प्रकार म.प्र. के समस्त ग्राम पटेलों को मानदेय देने, संगठन में महिला एवं पुरूष कार्यकारिणी में पद अधिकारी है,जिनकी मिटिंग 2-2 माह में राजधानी भोपाल में की जाती है। संगठन के पदाधिकारियों को रूकने का साधन नहीं है, इसलिए संगठन के नाम से एक आवास मकान कार्यालय हेतु स्वीकृत कराया जाने। इसके अलावा बैठक के दौरान अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

तो सभी पटेल कांग्रेस का दामन थाम लेगे- शरणागत
आयोजित बैठक को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण पटेल कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल शरणागत ने बताया कि पूर्व में हम लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी उन्होंने हमसे कहा था कि जल्द महापंचायत बुलाकर आप लोगों की मांगों को पूरा कर देंगे, लेकिन उनका आश्वासन आज तक पूरा नहीं हुआ है। बीच में हम आंदोलन करने गए थे लेकिन उन्होंने आंदोलन करने से मना कर दिया और बोला कि आपकी मांगे पूरी कर दी जाएगी।अभी 5 सितंबर को मुख्यमंत्री बालाघाट आ रहे हैं जिसको लेकर हमने कैबिनेट मंत्री एवं विधायक गौरी शंकर बिसेन से मुलाकात की थी उन्होंने कहा है कि 5 सितंबर को मुख्यमंत्री के बालाघाट आगमन पर आपकी मांगे पूरी कर दी जाएगी। हमें हमारा अधिकार मिलना चाहिए, धारा 222 से लेकर 228 तक जो हमारे अधिकार हैं वह दिए जाने चाहिए और पटेलों को उचित मानदेय दिया जाना चाहिए। पटेलो को पूर्व की भांति अधिकार देने की हम लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि 5 सितंबर तक मांगे पूरी नहीं होती तो हम सभी पटेल कांग्रेस को सपोर्ट करेंगे। हमारे संघ के 25% पटेलो ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जबकि 75% पटेल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं।हमने। वर्तमान समय मे संपूर्ण मध्य प्रदेश में 5000 से अधिक पटेलो की नियुक्ति भी कराई है। हमारा 5 सितंबर को अंतिम फैसला होगा। यदि मांग पूरी नहीं होती तो समस्त बीजेपी समर्थक ग्रामीण पटेल बीजेपी का बहिष्कार कर, कांग्रेस का दामन थाम लेंगे।

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