वारासिवनी न्यायालय के विद्वान विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) के द्वारा नाबालिक लड़की से दुराचार के मामले में आरोपी परमेश लिल्हारे बिटोड़ी निवासी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास 700 रुपए के अर्थदंड से दंडित कर सजा सुनाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग पीड़िता घटना के समय 11वीं पढ रही थी। घर में उसकी मम्मी, बड़ी बहन, छोटा भाई रहते थे। माह जनवरी वर्ष 2020 के 16 या 17 को वह सुबह लगभग 10 से 11 बजे खेत जा रही थी। नहर समीप पहुंची उसी समय रास्ते में अभियुक्त परमेश लिल्हारे मिला और कहा कि वह उससे प्यार करता है। उसके साथ गलत काम करेगा तब नाबालिग पीड़िता मना करते हुए मम्मी को बताने को कही तो अभियुक्त कहा कि यदि किसी को बताएगी तो उसकी मम्मी और उसके भाई को जान से खत्म करें देगा जिससे नाबालिग पीड़िता डर गयी । उसके बाद अभियुक्त परमेश्वर उसे नहर किनारे ले जाकर उसके मना करने के बावजूद बलात्संग किया। नाबालिग पीड़िता जब भी खेत जाती तो अभियुक्त उसे अकेले देखकर उसके मना करने के बाद भी बार-बार बलात्संग किया भयवश नाबालिग पीडिता ने घटना किसी को नहीं बतायी। तत्पश्चात उसे मासिक धर्म न होने से एवं पेट का आकार बड़ा होने से मां के पूछने पर उसकी बड़ी बहन के सामने घटना की जानकारी दी। तब नाबालिग पीडिता ने घटना के संबंध में पुलिस थाना खैरलांजी में रिपोर्ट दर्ज करवायी थी । उक्त घटना के संबंध में थाना खैरलांजी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी के विरूध्द अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिसके बाद से उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था जिसमें साक्ष्य गवाह के आधार पर पास्को एक्ट विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट ने आरोपी परमेश पिता भारतलाल लिल्हारे उम्र 24 वर्ष निवासी बिटोडी थाना खैरलांजी का दोष सिध्द होने पर उसे धारा 376 (3) भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 376 ( 2 ) एन भादवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रूपये का अर्थदंड, धारा 506 भादवि में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 100 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 4(2) पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 6 (1) पाक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त अर्थदण्ड न अदा करने की स्थिति में अभियुक्त को 01 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने का आदेश पारित किया। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी शशिकांत पाटिल विशेष लोक अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा की गई।