‘बातचीत के दौरान 35 मिनट तक फायरिंग रही जारी, सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे’

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सोमवार को असम और मिजोरम की सीमा पर जंग जैसे हालात बन गए। हालात इतने खराब हो गए कि गोलीबारी हुई जिसमें असम पुलिस के पांच लोग मार दिए गए। असम सरकार ने पीड़ित पुलिस के परिवार वालों को 50 लाख के मुआवजे और गंभीर रूप से घायल लोगों को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इस संबंध में असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने एक वीडियो ट्वीट किया और कहा कि किस तरह से मिजोरम में जश्न मनाया गया। इसके साथ ही उन्होंने कुछ खास बात भी कही। 

शपथ लेने के बाद तुरंत बाद मिजोरम के सीएम से बात की
शपथ लेने के बाद मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीमा विवाद के जल्द समाधान की मांग की। हम मिजोरम के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। हाल ही में हमने कुछ सड़क निर्माण कार्य देखा। हमारे शीर्ष अधिकारियों ने जाकर मिजोरम की ओर से बात की और उन्हें वापस जाने के लिए कहा। हमने स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश की

करीब 35 मिनट तक होती रही फायरिंग
जब बातचीत चल रही थी…मिजोरम पुलिस ने मोर्चा संभाला और पुलिस ने 35 मिनट तक लगातार फायरिंग की जिसके परिणामस्वरूप हताहत हुए। संकट के दौरान मैंने मिजोरम के सीएम से 6 बार बात की। एचएम अमित शाह टोल ने मिजोरम के सीएम से दो बार बात की। फायरिंग के दौरान भी मैंने मिजोरम के सीएम को फोन किया और उनसे स्थिति को नियंत्रित करने को कहा। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने स्थिति के लिए माफी मांगी

जमीन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा

हमने पद खाली कर सीआरपीएफ को सौंप दिया है लेकिन मिजोरम पुलिस ने अभी तक सीआरपीएफ को पद नहीं सौंपा है।मैं असम के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक इंच भी जमीन जब्त नहीं की जाएगी रिजर्व फॉरेस्ट के अतिक्रमण को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सैटेलाइट तस्वीर से पता चलता है कि मिजोरम की तरफ अतिक्रमण हुआ है

मिजोरम के सीएम ने माफी मांगी लेकिन रिकॉर्ड पर कुछ नहीं कहा
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि संघर्ष होने पर उन्होंने मिजोरम के सीएम को डायल किया और मिजोरम के सीएम ने स्थिति के लिए माफी मांगी। लेकिन रिकॉर्ड पर, मिजोरम के सीएम या मिजो सरकार ने किसी भी चीज के लिए माफी नहीं मांगी। न तो वे यह कह रहे हैं कि उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन उन्होंने कहा कि इसके असम के पुलिस वाले पहले उनके क्षेत्र में घुसे और फिर उन्होंने बचाव का सहारा लिया। न ही उन्होंने संघर्ष के लिए माफी मांगी है।फायरिंग की घटना असम क्षेत्र में हुई। इसलिए हम इसकी जांच करेंगे। हम इसकी जांच करेंगे कि उस क्षेत्र में लोगों को इतने हथियार और गोला-बारूद कहां से मिले। 

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