बाप-बेटी ने मौके पर दम तोड़ा, इससे अनजान घायल पत्नी बार-बार पूछ रही- वो कैसे हैं; गुस्साए लोगों ने कार में आग लगाई

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नशे और रफ्तार के कॉकटेल ने एक हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया। दो कार की इस भिड़ंत में एक पिता अनिल पाल और उसकी 5 साल की बेटी निकिता की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 3 साल की बेटी और पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं। अनिल पाल कभी चाऊमिन का काट (ठेला) लगाता था। मेहनत कर उसने एक ओमिनी वैन खरीदी थी। इसे एक स्कूल में भी अटैच कराया, पर दो साल से कोरोना के चलते स्कूल बंद होने पर गाड़ी नहीं चली। अनिल ने अपनी बड़ी बेटी नैंसी उर्फ निकिता को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। हादसे के समय कार स्पीड में तो थी ही पुलिस का मानना है कि चालक नशे में भी था।

देर रात 12:30 की है घटना

मृत पिता-पुत्र की पहचान घोसीपुरा निवासी अनिल पाल (40 साल) और नैंसी उर्फ निकिता (5 साल) के रूप में हुई है। वहीं अनिल की पत्नी रेनू और तीन साल की छोटी बेटी भव्या घायल हैं। बताया जा रहा है कि गुरुवार को अनिल झांसी रोड इलाके में वैन से परिवार के साथ अपने ससुराल में एक कार्यक्रम में गया था। रात 12.30 बजे लौटते समय वह जैसे ही एजी ऑफिस पुल पर पहुंचा, सामने से रॉन्ग साइड से तेज रफ्तार में आ रही कार ने अनिल की वैन को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि वैन आगे से पूरी क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में अनिल पाल और उनकी बेटी नैंसी पाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पत्नी रेनू और बेटी भव्या गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

पत्नी बार-बार पूछ रही, बेटियां ठीक तो हैं?

घटना के बाद रेनू को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। उसकी एक बेटी और पति की मौत हो चुकी है। 3 साल की बेटी भव्या की हालत बेहद नाजुक है। जब भी रेनू होश आता है, वह बार-बार पूछती है कि वो कैसे हैं, कहां हैं, मेरी बेटियां ठीक तो हैं? रेनू की हालत देखकर कोई उसे नहीं बता पा रहा है कि उसका पति और एक बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। अनिल पाल और उसकी बेटी नैंसी की मौत के बाद पूरे घोसीपुरा में मातम पसर गया है। परिवार में वही सबको देखने वाला था।

हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपियों की कार को आग के हवाले कर दिया।
मृतक अनिल पाल ने बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। बाप-बेटी दोनों की इस हादसे में मौत हो चुकी है।

इतनी रफ्तार थी कि एयरबैग तक खुल गए

घटना के समय आरोपियों की कार (कीया की सेल्टोज) की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे थी। ऑटो एक्सपर्ट लखन कुमार बताते हैं कि गाड़ी नई थी। घटना के समय उसकी स्पीड 100 से 110 किमी प्रतिघंटे रही होगी। तभी एयरबैग खुले हैं। यदि स्पीड 80 से कम होती तो एयरबैग नहीं खुलते। एयरबैग खुलने से कार में सवार युवक बच गए हैं। उधर, पुलिस ने बताया कि टक्कर मारने वाली कार परिवहन विभाग की वेबसाइट पर चार बाबा का मंदिर के पास रानीपुरा निवासी अमित परिहार पुत्र सतीश परिहार के नाम पर रजिस्टर्ड है।

म़तक अनिल की दोनों बेटियां।

आक्रोशित हुए लोग, मचाया उत्पात

घटना के बाद रात 2 बजे एजी ऑफिस पुल पर लोगों की भीड़ लग गई। रात को 10 से 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू था। वहां रूकने वाले लोग घटना को देखकर आक्रोशित हो गए। पहले आरोपी की कार के कांच पत्थर से तोड़े फिर कार को पलटा कर उसमें आग लगा दी। चंद मिनट में कार जलने लगी। वहां मौजूद पुलिस की संख्या बहुत कम थी। इसलिए पुलिस आक्रोशित लोगों को नहीं रोक सकी। कन्ट्रोल रूम से मदद मांगी तो फोर्स पहुंची। इसके बाद दमकल की गाड़ियां पहुंची फायर ब्रिगेड से पानी फायरिंग कर आग पर काबू पाया जा सका।

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