मध्य प्रदेश के भीतर अधिकारी कर्मचारी कितने अधिक दबाव में काम कर रहे हैं और उसका क्या परिणाम हो रहा है इस बात के प्रमाण लगातार प्रदेश के अन्य जिलों में मिल रहे हैं। इसी बात के विरोध में अधिकारी कर्मचारी एकजुट होकर होकर सड़क पर उतरे, कुछ इसी तरह का नजारा सोमवार को जिला मुख्यालय से लेकर तहसील मुख्यालय में दिखाई दिया।
मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मध्यप्रदेश खरगोन में हुई घटना के विरोध में सोमवार को जनपद और जिला पंचायत के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने कलम बंद हड़ताल का शासन की नीतियों का विरोध किया।
शासन की विभिन्न योजनाओं को लेकर अधिकारी और कर्मचारियों पर टारगेट थोप कर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। लगातार काम का दबाव बनाए जाने के कारण अधिकारी और कर्मचारी मानसिक प्रताड़ना महसूस कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण खरगोन और धार जिले में देखने को आया है जहां खरगोन के जनपद सीईओ राकेश बाहेती और धार के उपयंत्री प्रवीण पवार ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
वही अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा नगर के कमला नेहरू सभागार में आम सभा का आयोजन किया गया जहां पर संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा शासन की नीतियों का कड़े शब्दों में विरोध किया गया इसके बाद कर्मचारियों के द्वारा सामूहिक तौर पर रैली निकाली गई यह रैली नगर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां पर विभिन्न मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा कलेक्टर दीपक आर्य को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से अवगत कराया गया