बालाघाट : राधेलाल की हत्या करने के आरोप में मनोहर लिल्हारे को आजीवन कारावास

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। विद्वान सत्र न्यायाधीश अमरनाथ केशरवानी की अदालत ने डेढ़ वर्ष पहले ग्रामीण थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम गोंगलई में राधेलाल लिल्हारे की हत्या करने के मामले में एक आरोपी मनोहर पिता कुंवरलाल लिल्हारे 55 वर्ष ग्राम गोंगलई थाना ग्रामीण निवासी को आजीवन कारावास और 10हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये। विद्वान अदालत में  चलते इस मामले में एक आरोपी उमाशंकर पिता कुंवर लिल्हारे की मौत हो चुकी है। एक अन्य आरोपी अरुण पिता मनोहर लिल्हारे 28 वर्ष को विद्वान अदालत ने आरोप सिद्ध नही होने पर दोषमुक्त किए हैं। अभियोजन के अनुसार ग्राम  गोंगलई निवासी राधेलाल लिल्हारे खेती किसानी करता था।  7 सितंबर 2019 की रात्रि 8:30 बजे राधेलाल अपने घर में खाना खाकर सोया था तभी मनोहर लिल्हारे और उमाशंकर लिल्हारे उसके घर आए और जोर-जोर से राधेलाल को बोल रहे थे कि तुम लोग घर के सामने रोड पर जानवर क्यों बांधते हो। दोनों की आवाज सुनकर राधेलाल घर के बाहर आकर बोला कि मैं आबादी की जमीन में बैल बाँधता हूं। इसी बात को लेकर मनोहर लिल्हारे और उमा शंकर लिल्हारे ने राधेलाल को गालियां दी और जहां से खत्म करने की धमकी देकर दोनों ने हाथ में रखे टायर के पट्टे से उमाशंकर को बेरहमी से मारपीट किए और और जान से खत्म करने कर देने की धमकी देकर चले गये थे। गंभीर रूप से घायल राधेलाल को परिवार वालों ने 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाकर भर्ती किए जहां उपचार के दौरान राधेलाल की मौत हो गई ।ग्रामीण पुलिस ने इस मामले में राधेलाल लिल्हारे की हत्या करने के आरोप में उमाशंकर लिल्हारे, अरुण लिल्हारे और मनोहर लिल्हारे के विरुद्ध धारा 302 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में तीनों को गिरफ्तार किये और विवेचना उपरांत विद्वान अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया था। विद्वान अदालत में इस प्रकरण के चलते उमाशंकर लिल्हारे की मौत हो गई। यह प्रकरण अरुण लिल्हारे और मनोहर लिल्हारे के विरुद्ध चला। 30 जुलाई को विद्वान सत्र न्यायाधीश अमरनाथ केशरवानी की विद्वान अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर राधेलाल लिल्हारे की हत्या करने के आरोप में आरोपी अरुण लिल्हारे के विरुद्ध धारा 302 भादवि का आरोप प्रमाणित नहीं होने पर उसे धारा 302 भादवी के आरोप से दोषमुक्त किये। और विद्वान अदालत ने आरोपी मनोहर लिल्हारे को राधेलाल लिल्हारे की हत्या करने के आरोप में धारा 302 भादवी के तहत दोषी पाते हुए उसे राधेलाल लिल्हारे की हत्या करने के आरोप में धारा 302 भादवि के तहत आजीवन कारावास और 10000 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक एम एम द्विवेदी ने पैरवी की थी।

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