बिना टेंडर निकाले किया था 40 लाख का उन्नयन कार्य

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शासकीय जटाशंकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय को पीएम श्री एक्सीलेंस का दर्जा मिलने के बाद कॉलेज का उन्नयन करने के लिए शासन द्वारा 40 लाख रुपए दिए गए थे। जिसका बिना टेंडर निकाले ही कालेज में विभिन्न निर्माण कार्य कराया गया है।जिसपर पिछले दिनों इसकी शिकायत जन भागीदारी सदस्य द्वारा की गई थी।जिनकी इस शिकायत पर सोमवार को एक जांच टीम पीएम श्री कॉलेज पहुंची, जहां उन्होंने इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की। हालांकि इस जांच टीम द्वारा किन-किन बिंदुओं पर जांच की जा रही है, इसकी जानकारी जांच टीम द्वारा नहीं दी गई। वहीं जांच टीम ने इस जांच को लेकर अपना कोई भी ऑफिशियल बयान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि इस जांच की रिपोर्ट गोपनीय तौर पर सीधे शासन को सौंप जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग से की गई थी शिकायत
आपको बताएं कि जिले के अग्रणी महाविद्यालय शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय को पीएमश्री एक्सीलेंस कालेज का दर्जा मिल चुका है। जिस पर महाविद्यालय में विकास कार्य किए जाने के लिए शासन स्तर से 40 लाख रुपये की राशि दी गई और इसकी नोडल एजेंसी, पीडब्लूडी विभाग को बनाया गया है। यहां खास बात ये रही है कि 40 लाख की राशि से बिना टेंडर, बिना कोटेशन, बिना इस्टीमेट के ही बड़ी संख्या में निर्माण करा लिए गए है। जिसमें वर्षा के दौरान पुताई काम भी शामिल है। जिसे लेकर जनभागीदारी के सदस्यों ने ही बैठक में सवालिया निशान लगाए थे और इसकी शिकायत भी उच्च शिक्षा विभाग से की गई थी। जिन्होंने इस पूरे मामले की जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी किए जाने की गुहार लगाई थी जिनकी शिकायत पर आज जांच करने के लिए जांच टीम पीजी कॉलेज पहुंची थी।

इन बिंदुओं पर की गई थी शिकायत
पीएमश्री एक्सीलेंस कालेज को 40 लाख रुपये मिलने व मनमाने तरीके से राशि खर्च किए जाने के मामले में जनता के साथ धोखा करने, अनावश्यक तरीके से राशि खर्च करने, जनभागीदारी समिति से प्राचार्य द्वारा राशि की मांग करने, लेकिन क्रय समिति में सदस्यों को शामिल नहीं करने, दस लाख रुपये की लागत से प्राचार्य के कक्ष निर्माण कार्य करवाने व महज दो लाख से निर्माण किए जाने की बात कहे जाने सहित अन्य मुद्दों पर शिकायत की गई थी।

शिकायतकर्ता को शिकायत करना पड़ा भारी, पद से हटाया
शिकायतकर्ता को इस पूरे मामले की शिकायत करना उस वक्त भारी पड़ गया जब शिकायत के बाद शिकायतकर्ता को उसके पद से ही हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि जनभागीदारी समिति के सांसद प्रतिनिधि मोनू श्रीवास्तव ने 40 लाख रुपये की राशि से बिना टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण किए ही काम करा लेने से राशि का बंदरबांट किए जाने की शिकायत की थी। इतना ही नहीं उन्होंने 28 जून को हुई जनभागीदारी की बैठक में सवाल उठाकर प्राचार्य से जानकारी ली थी।तब बताया गया था कि सिर्फ निर्माण कार्य करवाए जा रहे है। निर्माण कार्यो के इस्टीमेट नहीं बनाए गए है। जिसके बाद तत्काल ही उन्हें पद से ही हटा दिया गया था।

जांच टीम ने लिखित में सूचना देने की बात कही है- मोनू श्रीवास्तव
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान पूर्व सांसद प्रतिनिधि, जन भागीदारी सदस्य एवं शिकायतकर्ता मोनू श्रीवास्तव ने बताया कि पीएमश्री एक्सीलेंस कालेज को 40 लाख रुपये की राशि मिलने, बिना किसी प्रक्रिया को अपनाए ही कार्य करवाए जाने, वर्षा में पुताई कराने सहित अन्य बिंदुओं पर मेरे द्वारा शिकायत की गई थी। इस शिकायत पर सोमवार को जांच टीम कालेज पहुंची। यहां जांच टीम ने आश्वस्त किया है कि जो भी जांच रिपोर्ट आएगी इसकी लिखित सूचना दी जाएगी।

जांच गोपनीय है सीधे शासन को सौंप जाएगी-
इस शिकायत के बाद सोमवार को अतिरिक्त संचालक शिक्षा विभाग व उनकी टीम पीएमश्री एक्सीलेंस कालेज पहुंची और टीम ने जांच की हैं। हालांकि आफिसियल चर्चा करने से अतिरिक्त संचालक ने मना कर दिया है। उन्होंने इस मामले में औपचारिक चर्चा के दौरान बताया कि शिकायत पर वे जांच करने पहुंची है और यह जांच गोपनीय रहती है। इसकी रिपोर्ट हमारे द्वारा सीधे शासन को सौंपी जाएगी और वहां से ही जो भी कार्रवाई होना है वह तय होगी।

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