बिरवा हवाई पट्टी पर दिखाई दी सरकार की बेरुखी !

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जिले के भीतर स्थित कान्हा राष्ट्रीय पार्क के पर्यटकों को सुविधा देने के उद्देश्य से बैहर तहसील मुख्यालय से लगे हुए गांव में बनाई गई हवाई पट्टी पर शासन की बेरुखी साफ दिखाई दे रही है। तभी तो वर्ष 2020 से इस हवाई पट्टी पर ना ही हेलीकॉप्टर उतरा और ना ही दूसरों उपयोग हुआ।

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्षों पूर्व कान्हा राष्ट्रीय पार्क के पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैहर शहर के निकट बिरवा गांव में हवाई पट्टी तो बना दी गई।

लेकिन शासन की बेरुखी ने इस हवाई पट्टी को बेकाम कर दिया। नतीजा शासन ने इसे लीज पर उत्तराखंड की एक निजी कंपनी में मेसर्स राजेश एयरोस्पोर्ट्स एडवेंचर गढ़वाल को आगामी 15 वर्ष के लिए दे दिया।

लेकिन इस पर भी शासन द्वारा बेरुखी दिखाई गई। नतीजा बिरवा हवाई पट्टी पर वर्ष 2020 के बाद से ना ही हेलीकॉप्टर उतरा और नहीं एडवेंचर गेम शुरू हो सके?

दरअसल आपको बता दें कि शासन द्वारा 15 वर्ष के लिए एयरो स्पोर्ट्स एडवेंचर गेम गढ़वाल की इस कंपनी को यह बिरवा हवाई पट्टी दे दी गई थी। जिसका अनुबंध 7 सितंबर 2019 को हो गया था।

इसके बाद से शासन को हर 3 वर्ष में 7 लाख रुपिये की लागत से इस बिरवा हवाई पट्टी का मेंटेनेंस कार्य किया जाना था। हर 3 वर्ष के बीच यह मेंटेनेंस का 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ होना था। लेकिन मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा पहली बार का ही मेंटेनेंस कार्य अब तक पूरा नहीं किया गया?

नतीजा आज तक इस प्राइवेट कंपनी द्वारा बिरवा हवाई पट्टी पर एडवेंचर गेम की शुरुआत नहीं की गई। आपको बता दें कि बालाघाट जिले के भीतर निवासरत बेगाओ के उत्थान के लिए हर वर्ष बैगा ओलंपिक का आयोजन बैहर तहसील मुख्यालय में किया जाता है। इस दौरान एडवेंचर गेम का प्रदर्शन बीते कुछ वर्षों से किया जा रहा है।

जिसे देखते हुए उम्मीद लगाई गई थी कि बालाघाट जिले के भीतर इस तरह के एडवेंचर गेम का आयोजन होगा। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ कान्हा राष्ट्रीय पार्क आने वाले लोगों को मनोरंजन का साधन उपलब्ध हो सकेगा।

लोक निर्माण बालाघाट के अधिकारी इसी बात की जानकारी देते हैं कि शासन को इस पूरे मामले की जानकारी पूर्व में भेजी जा चुकी है और बिरवा हवाई पट्टी का अनुबंध शासन स्तर पर किया गया है लेकिन शासन स्तर पर ही बिरवा हवाई पट्टी के मेंटेनेंस की राशि जारी नहीं की गई है।

इसीलिए अब तक निजी कंपनी द्वारा एडवेंचर गेम की शुरुआत किस स्थान पर नहीं की गई। अधिकारी इस बात की जानकारी देने से बचते दिखाई दिए कि निजी कंपनी द्वारा रॉयल्टी के रूप में कितनी राशि अब तक खर्च की जा चुकी है और उसे कितना नुकसान हो चुका है।

आपको बता दें कि बिरवा हवाई पट्टी के लिए लगभग 1 किलोमीटर का रनवे तैयार कर बनाई गई है जिसके लिए लगभग 50 एकड़ से अधिक जमीन अधिकृत की गई है। इस दौरान बिरवा सहित अन्य गांवों को पानी पहुंचाने वाली एक नहर भी विलुप्त हो गई। जिससे इस गांव के लोगों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिलता। इसके बाद भी शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद इस बिरवा हवाई पट्टी का अब तक सही उपयोग नहीं किया गया। उम्मीद यही की भविष्य में शासन की नींद खुले और बिरवा हवाई पट्टी का सदुपयोग हो सके?

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