बीते चार महीने से ठप्प है रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था

0

बीते चार महीने से राजधानी में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। बाजारों में कचरे का ढेर लगे रहते है। शिकायत के बाद भी यहां नगर निगम कर्मचारियों द्वारा ना तो झाड़ू लगाई जाती है और ना ही कचरा उठता है। दुकान खोलने से पहले व्यापारियों को निजी खर्च से बाजारों में फैली गंदगी को साफ कराना पड़ता है। बतादें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने मुख्य गली-चौराहे और बाजारों में रात्रिकालीन सफाई की योजना बनाई थी। इसके बाद नगर निगम अधिकारी और कर्मचरियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कुछ महीनों तक यह व्यवस्था ठीक चलती रही, लेकिन इसके बाद फिर वही हाल हो गया। जबकि नियमानुसार बाजार बंद होने के बाद मुख्य बाजारों में झाड़ू लगाने की शुरुआत की गई थी। इससे दुकानदार और ग्राहकों को परेशानी नहीं होती थी। लेकिन वर्तमान में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था ठप हो गई है। निगम कर्मचारियों द्वारा कचरे की सफाई नहीं करने से बाजारों में ढेर लगा रहता है। ऐसे में प्रतिदिन सुबह व्यापारी स्वयं अपने प्रतिष्ठान के आसपास सफाई करते हैं। नगर निगम द्वारा शहर की मुख्य सड़कों और बाजारों की सफाई के लिए 283 कचरा वाहनों को लगाया गया है। ये वाहन दिन और रात दोनों समय सड़क और बाजार से कचरा उठाते हैं। इनकी मानीटरिंग नहीं होने से सफाई कर्मचारी कचरा वाहनों को मनमाने रुट पर चलाते हैं। वहीं यदि कचरा उठा भी ले तो यह कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक नहीं पहुंचता है। सफाई कर्मचारी डीजल बचाने के लिए इस कचरे को आसपास ही डंप कर देते हैं। व्यापारी आदर्श मार्केट पिपलानी के सुधीर जैन पांडया का कहना है कि नगर निगम द्वारा सप्ताह में केवल दो बार ही बाजार में झाड़ू लगाया जाता है। दो से तीन दिन तक जब कचरा पड़ा रहता है, तब नगर निगम के सफाई कर्मचारी यहां की सफाई करते हैं। इस बारे में नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि नगर निगम द्वारा शहर के मुख्य बाजार और सड़कों में रात्रिकालीन सफाई की जा रही है। यदि किसी स्थान पर शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here