खिरकिया। शहर के बैंकिंग संस्थानों में आने वाले खाताधारकों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बैंकिंग संस्थान खाताधारकों के लिए सुविधाओं के दावे भले ही करते हों, लेकिन वे सुविधाओं को हकीकत में उन्हें उपलब्ध नहीं कराते हैं। केवल खाते से जुड़ी तकनीकी सुविधाओं को छोड़कर अन्य भौतिक सुविधाओं की तरफ उनका ध्यान नहीं है। शहर के बैंकिंग संस्थानों की हालत यह है कि उनमें पेयजल से लेकर पार्किंग व्यवस्था तक नहीं है जिससे वहां आने वाले लोग परेशान होते हैं मगर जिम्मेदारों को इससे कोई सरोकार नहीं है। खिरकिया में राष्ट्रीयकृत बैंक की श्रेणी में शामिल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक के अलावा निजी बैंकों में आइडीएफसी व किसानों से संबंधित जिला सहकारी बैंक तथा मप्र ग्रामीण बैंक की शाखाएं स्थित हैं। इन सभी शाखाओं से बड़ी संख्या में खाताधारक जुड़े हैं। इन बैंक शाखाओं में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से बैंक खाताधारकों को परेशान होना पड़ रहा है।
बैंक शाखा के सामने बेतरतीब पार्किंग
नगर में संचालित इन बैंक शाखाओं के पास खुद की कोई पार्किंग व्यवस्था नहीं है। मुख्य मार्ग पर स्थित बैंकों की भी यही स्थिति बनी हुई है। सबसे अधिक पार्किंग अव्यवस्था स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने है। यहां बैंक आने वाले खातधारक सड़क किनारे और सड़क पर ही वाहन खड़े कर देते हैं। जिससे एक तरफ की रोड बंद हो जाती है। यही स्थिति सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया के सामने की भी है। इस अव्यवस्था से बैंकिंग प्रबंधन को कोई सरोकार नहीं है।
पेयजल और सुविधाघर की कमी
बैंकों में ग्राहकों के लिए पेयजल की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाता है। बैंक में अपने कामों से आए लोगों को पानी के लिए बाजार के चक्कर लगाना पड़ते हैं। इसी तरह सुविधा घरों पर भी बैंक प्रबंधनों का ध्यान नहीं है। ग्राहकों के लिए बैंकिंग कार्यालयों में कोई सार्वजनिक प्रसाधन केंद्र नहीं हैं। बैंकों में मौजूद सुविधा केंद्रों का उपयोग केवल स्टाफ करता है। हालांकि आईडीएफसी बैंक में जरूर उक्त सुविधाएं उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध है, जबकि शेष बैंकों में ऐसी सुविधाओं का नितांत अभाव है।
वर्जन
बैंक शाखाओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसके बावजूद यदि ग्राहकों के लिए मूलभूत व्यवस्था नहीं की जाती हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।