‘भाऊ’ आखिर ऐसे क्यों है ?

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(उमेश बागरेचा)
बालाघाट ( पद्मेश न्यूज) । आज वारासिवनी में बालाघाट के विधायक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने स्वभाव अनुसार फिर कुछ ऐसे बयान दे दिए कि जिले में एक बार फिर उनके बयानों को लेकर बाजार में चर्चाएं गर्म हैं। उनमें से एक बयान 2023 का विधानसभा चुनाव ना लडऩे का तथा दूसरा बयान अपने पूर्व के बयान जिसमे उन्होंने बालाघाट नगर में निर्माणाधीन राणा हनुमानसिंह प्रवेश द्वार का कार्य रोके जाने की कही बात से पलटते हुए या ये कहें कि यू टर्न लेते हुए कह दिया कि निर्माण नहीं रोका जाएगा, प्रवेश द्वार का निर्माण होगा। श्री बिसेन ने वारासिवनी में जनपद पंचायत में शपथ ग्रहण  समारोह के दौरान भरी सभा में सार्वजनिक तौर पर अगला 2023 का विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा विधिवत कर ही दी। हालांकि पूर्व से ही यह माना जा रहा था कि भाजपा के 70 वर्ष उम्र के क्राइट एरिया में श्री बिसेन फिट नहीं बैठ रहे जिसके कारण भी 2023 में प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं थी।  इसके साथ ही श्री बिसेन की सुपुत्री श्रीमती मौसम हरिनखेड़े को लेकर पहले से ही चर्चा है कि वे ही इस बार टिकिट की दावेदार होंगी। गौरी भाऊ ने बहुत पहले से ही मौसम हरिनखेड़े के लिए चुनावी मैदान तैयार करना शुरू कर दिया था। विधानसभा क्षेत्र में होने वाले सार्वजनिक अथवा राजनैतिक कार्यक्रम श्रीमती मौसम को ही आगे रखकर किए जाते रहे। ऐसे अनेक  कार्यक्रम होते रहे जिसमें गौरी भाऊ  स्वयं ना जाकर श्रीमती मौसम को भिजवाते रहे। जिले के राजनैतिक गलियारों में पूर्व से ही चर्चा रही है कि 2023 का चुनाव गौरी भाऊ नहीं लड़ेंगे अपनी बेटी को लड़ाना चाहेंगे। साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि भाऊ को पार्टी के उच्च स्तर से उनकी टिकिट को लेकर कुछ विपरित आभास हो गया हो, इसलिए  पहले एक रणनीति स्वयं ही एक घोषणा कर दी। भाऊ इतने भोले भी नहीं हैं कि बिना सोचे समझे कुछ बोल दें। लगभग 40 वर्षो का उनका राजनैतिक जीवन है जिसमे 7 बार  विधायक एवं 2 बार सांसद रहे हैं। भाऊ की राजनैतिक सूझ-बूझ की कोई काट नहीं है।  उनके चुनावी आंकलन का कोई सानी नहीं है। फिर क्यों भाऊ ऐसे बयान दे देते हैं जिससे वे विवादों में घिर जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सुर्खियों में रहने के लिए जानबूझकर भाऊ ऐसे बयान देते है, लेकिन भाऊ अपने बयान पर कायम भी तो नहीं रहते , इसका ताजा उदाहरण आज प्रवेश द्वार पर दिया गया उनका बयान है जिसमें उन्होंने पूर्व में दिए गए बयान से पलटी मार दी। ज्ञात हो कि नगर में आयोजित रोटरी क्लब ऑफ टाइगर के वृक्षारोपण कार्यक्रम में उन्होंने हुंकार भरते हुए नगरपालिका और पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्माण कार्य रोकने का आदेश दे दिया था, लेकिन आज उन्होंने अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए प्रवेश द्वार का निर्माण होगा भरोसा दिला दिया। अब दो दिन में ही ऐसा क्या हो गया कि द्वार खटक भी गया और गुडुक भी हो गया। इसलिए लोग कहते हैं कि भाऊ की बातों को गंभीरता से न लिया करो। कभी-कभी भाऊ को कुछ-कुछ हो जाता है, वैसे भाऊ का मन बहुत साफ है। अब असल बात तो भाऊ ही बता सकते हैंं कि भाऊ ऐसे क्यों हैं।

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