भारत और सेंट्रल एशिया देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों के 30 साल पूरे- पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। वर्चुअल सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सेंट्रल एशिया के देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों ने 30 साल पूरे कर लिए हैं। पिछले तीन दशकों में हमारे सहयोग ने कई सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सभी की चिंता और उद्देश्य एक समान है। अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित है। इस संदर्भ में हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।

महत्वाकांक्षी विजन परिभाषित करना चाहिए

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर हमें आने वाले वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी विजन परिभाषित करना चाहिए। ऐसा विजन जो बदलते विश्व में हमारे लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा कर सके।

सम्मेलन के तीन प्रमुख उद्देश्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सम्मेलन के तीन प्रमुख उद्देश्य है। पहला यह स्पष्ट करना कि भारत और सेंट्रल एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा, ‘मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर विस्तारित पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है।’ दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है। इससे विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न हितधारकों के बीच नियमित बातचीत का एक ढांचा स्थापित होगा। तीसरा उद्देश्य सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाना है।

पांच देशों के राष्ट्रपति हुए शामिल

भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोटाएव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डिमोहम्मद और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव शामिल हुए।

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