बालाघाट (पदमेश न्यूज़)।पिछले दिनों सरकार द्वारा जारी किए गए बजट में कर्मचारी व मजदूर वर्ग के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है। वहीं कर्मचारियों व मजदूरो से संबंधित विभिन्न मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। ऐसा आरोप लगाते हुए भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले कर्मचारियों मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौपा गया है।मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में सौपे गए इस ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, समान वेतन देने ,सामाजिक सुरक्षा, बीमा, पेंशन का लाभ दिए जाने सहित अन्य मांगों को तत्काल पूरी किए जाने की गुहार लगाई है। तो वहीं उन्होंने सरकारी संपत्तियों के निजीकरण और उनकी बिक्री पर तत्काल रोक लगाकर मजदूरों के हितों में विभिन्न योजनाएं बनाकर उसे लागू किए जाने की मांग की है। जहां उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए जल्द से जल्द सभी मांगे पूरी न होने पर पूरे देश में मजदूर साथियों के साथ मिलकर आंदोलन की रणनीति बनाए जाने की भी चेतावनी दी है।
इन मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन
भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले मंगलवार को बालाघाट जिला सहित संपूर्ण देश के जिला मुख्यालय में वर्षो से लंबित अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा गया है। जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से न्यूनतम पेंशन 5000रु किए जाने, महंगाई राहत, पेंशन का भुगतान करने, ईपीएफ वेतन की राशि को 15000 से बढ़कर 30000 रु किए जाने ,ईएसआईसी की वेतन सीमा 21000 रुपए से बढ़कर 42000 रु किए जाने, सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने, बीमा वित्तीय क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश पर रोक लगाने, स्कीम वर्कर को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, समान वेतनमान का लाभ देने ,सामाजिक सुरक्षा बीमा पेंशन का लाभ दिए जाने, असंगठित क्षेत्र में कामगारों को राशि उपलब्ध कराने और निजीकरण पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है।
तो आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी- मोहारे
कलेक्टर कार्यालय में सौंपे गए इस ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान भारतीय मजदूर संघ प्रमुख राजकुमार मोहारे ने बताया कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है उस बजट में मजदूर कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है। पेश किए गए बजट में ना तो मजदूर कर्मचारियों के भविष्य के लिए कोई योजना है और ना ही वर्तमान समय के लिए कुछ राहत है। जिसके चलते विभिन्न क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर व कर्मचारियो में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी के समान वेतन देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नही हुआ।हमारी मांग है कि सरकार ने निजीकरण पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि पूंजीवाद और सरकारी तन्त्र मिलकर मजदूर और कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। पब्लिक सेक्टर में निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए आज भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले देश के सभी जिलों में 6 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा गया है। यदि जल्द से जल्द हमारी मांग पूरी नहीं की जाती तो सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी










































