राजधानी भोपाल, इंदौर सहित अन्य जिलों में फिलहाल तेज वर्षा से राहत मिलेगी। बीच–बीच में धूप भी निकलेगी। रुक-रुक कर जारी लगातार बारिश से उमस से भी राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात के कारण मिल रही नमी के कारण शनिवार, रविवार को रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के मध्य में बना कम दबाव का क्षेत्र समाप्त हो गया है। उधर सौराष्ट्र और उससे लगे अरब सागर पर बना कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में अवदाब का क्षेत्र बन गया है, लेकिन यह पश्चिम दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है।इस वजह से इसका असर मप्र में होने की संभावना कम है। इस वजह से भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, संभागों के जिलों में वर्षा की गतिविधियां कम होने लगी है। हालांकि नमी बरकरार रहने के कारण बीच–बीच में बौछारें पड़ती रहेंगी। उधर बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल के तट पर हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात के कारण मिल रही नमी से शनिवार से पूर्वी मप्र में वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, मप्र में मौजूद शियर जोन (पूर्वी–पश्चिमी हवाओं का टकराव) अब कमजोर पड़ गया है। मानसून ट्रफ सौराष्ट्र पर बने अवदाब के क्षेत्र से नलिया, गुना, सतना, रांची, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। पश्चिम बंगाल में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त म्यामांर में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण पूर्वी मप्र में भारी वर्षा के आसार बने हुए हैं। उधर शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 19, गुना में 11, धार में नौ, ग्वालियर में सात, खरगोन में सात, रतलाम में चार, सागर में तीन, पचमढ़ी में तीन, सिवनी में दो, खजुराहो में 1.7, उज्जैन में एक, शिवपुरी में एक, नर्मदापुरम में एक एवं दमोह में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।










































