भ्रामक खबरें चलाने के लिए रूस ने गूगल पर ठोका 3,000 करोड़ रुपये का जुर्माना

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यूक्रेन पर रूस के हमले जारी है और उसकी आक्रमकता को लेकर गूगल की ओर से भ्रामक खबरें चलाने का आरोप लगाकर उसने 3,000 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया। मॉस्‍को की एक अदालत ने गूगल को रूस के खिलाफ गैरकानूनी और भ्रामक खबरें चलाने और यूक्रेन युद्ध को लेकर गलत सामग्री परोसने का दोषी पाया। कोर्ट में गूगल को इस बात के लिए भी दोषी माना गया कि सरकार की ओर से बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद इस तरह के कंटेंट यूट्यूब व अन्‍य जगहों से नहीं हटाए गए। इसके बाद गूगल पर 21.1 अरब रूबल (करीब 3,000 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा दिया। नियामक रॉस्‍कमेंजोर ने कहा, तांस्‍की अदालत ने गूगल पर 37.3 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है। कंपनी बार-बार कहने पर भी प्रतिबंधित मैटेरियल को अपनी साइट से हटा नहीं रही है। अदालत ने खासकर यूट्यूब को सख्‍त चेतावनी दी है। कहा, यूट्यूब अपने प्‍लेटफॉर्म से मिलिट्री ऑपरेशन के मैटेरियल नहीं हटा रहा है, जो यूक्रेन युद्ध के दौरान किए गए हैं।
अदालत ने गूगल पर जुर्माने की राशि रूस में उसके कुल सालाना टर्नओवर के हिसाब से तय हुई है। कंपनी पर पिछले साल भी 7.2 अरब रूबल का जुर्माना लगाया गया था। गूगल का रूस में स्थित अकाउंट भी सीज कर दिया गया है। साथ ही कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन देना भी अब मुश्किल हो गया है। मॉस्‍को ने कई बार गूगल को ऐसे कंटेंट अपनी साइट व यूट्यूब से हटाने और दोबारा न चलाने की चेतावनी दी थी, लेकिन यूक्रेन युद्ध के समय कंपनी ने और भी भड़काऊ और गलत संदेश वाले कंटेंट प्रसारित किए। गूगल की मूल कंपनी अल्‍फाबेट, यूट्यूब को रूस ने लंबे समय से निशाने पर ले रखा है, जबकि ट्विटर, मेटा जैसे प्‍लेटफॉर्म धड़ल्‍ले से चल रहे हैं। रॉस्‍कमेंजोर ने कहा, इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि गूगल हमारे खिलाफ दुष्‍प्रचार करता है।
अदालत ने ताजा मामले में यह भी पाया कि यूट्यूब रूस के युवाओं को गैरकानूनी प्रोटेस्‍ट के लिए भी उकसाती है। इसके लिए कंपनी ऑनलाइन सर्वे के जरिये सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काती है। बच्‍चों को बहकाने के लिए प्रतिबंधित वीडियो सामग्री का सहारा लेती है। इन्‍फॉर्मेशन पॉलिसी की संसदीय समिति के डिप्‍टी हेड एंटन गॉर्किन ने कहा, गूगल रूस के कानून के खिलाफ गलत सामग्री दिखाता था। मुझे समझ नहीं आता कि यह कंपनी यह तरीका क्‍यों अपना रही है, क्‍योंकि इससे वह रूस में अपना बाजार गंवा देगी।

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