त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में नाबालिक बच्चे सहित मृत व्यक्ति ने भी मतदान कर अपने गांव की सरकार चुन ली। शायद यही वजह है कि जिस वार्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 101 है उस वार्ड में भी 111 लोगों ने वोट डालकर अपने चहिते प्रत्याशी को सरपंच बना दिया।
यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह आरोप त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण 8 जुलाई को लालबर्रा क्षेत्र के ग्राम धारावासी निवासी ग्रामीणों और सरपंच पद के लिए खड़े हुए उम्मीदवारों ने लगाया है।
जिन्होंने बूथ क्रमांक एक और बूथ क्रमांक 2 में नाबालिक बच्चे, मृत हो चुके व्यक्ति और 8-10 वर्ष पूर्व शादी होकर ससुराल जा चुकी महिलाओं द्वारा फर्जी मतदान किए जाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा ।
जिसमे उन्होंने गांव के पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान होने की बात कहते हुए 8 जुलाई को हुए इस निर्वाचन को तुरंत रद्द कर, गांव में दोबारा पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की। वहीं मांग पूरी ना होने पर समस्त ग्रामीणों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है।
आपको बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इसके पूर्व भी कई पंचायतों के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पंचायत चुनाव में भारी गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया है जहां उन्होंने पुनः मतदान कराने या फिर पुनः मतगणना किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है लेकिन शनिवार को कलेक्टर कार्यालय पहुँचे लालबर्रा क्षेत्र के धारावासी निवासी ग्रामीण 8 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव को ही रद्द कर ,गाव में पुनः चुनाव कराए जाने की मांग पर आमादा है।जिन्होंने फर्जी मतदान पर अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए पुनः मतदान की मांग पूरी ना होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।