बालाघाट (पदमेश न्यूज़)। मध्य प्रदेश परिवहन निगम के पेंशनधारी कर्मचारी महासंघ ने मंगलवार को बस स्टैंड स्थित पुराने यात्री प्रतीक्षालय में एक बैठक का आयोजन कर, वीआरएस पेंशनधारियों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें इसके उपरांत उन्होंने, मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम के वीआरएस लेने वाले सभी कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने, वृद्धावस्था सम्मान निधि 3हजार रु का लाभ दिए जाने, भगत सिंह कोशियारी कमेटी की सिफारिशो को तत्काल लागू किए जाने और मध्य प्रदेश में शुरू हो रही मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा में उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग की है।जहां उन्होंने अपनी इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौपते हुए उनकी इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर करीब 37 लाख वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को राहत देकर, उनके जीवन स्तर में सुधार किए जाने की गुहार लगाई है।
अन्य 07 राज्यों की तरह प्रदेश में दी जाए 3000 रु वृद्धावस्था सम्मान निधि
आयोजित इस बैठक के दौरान मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम के सेवानिवृत कर्मचारियों ने बताया कि हमे ईपीएस 95 के तहत 5 सौ, 7 सौ और एक हजार रूपए से कम पेंशन मिल रही है, इस पेंशन में वह ना तो ठीक से घर चला पा रहे है और ना बीमारियों के ईलाज में कोई बड़ी आर्थिक मदद मिल पा रही है।हमारी मांग की है कि देश के 7 राज्यो की तरह प्रदेश के परिवहन कर्मचारियों को वृद्धावस्था सम्मान निधि के रूप में 3 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाए ताकि वह सम्मान से जी सके। यही नहीं बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सरकार से मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के शुरू करने का स्वागत करते हुए कहा कि यह मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम का ही एक स्वरूप है। जो, सरकार का साहसिक निर्णय है। कर्मचारियों की मांग है कि इस परिवहन सेवा में उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
500-700 रु पेंशन में कर रहे गुजारा
पेंशनधारी कर्मचारियों ने बताया कि देश में ईपीएस 95 के पेंशनर्स जिनकी संख्या करीब 37 लाख है यह 1000 रु से कम पेंशन में अपना जीवन यापन कर रहे हैं । जिले में ऐसे 125 कर्मचारी है, जिन्होंने 2005 में तत्कालीन बाबूलाल गौर सरकार में मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम से संचालित होने वाली बसों को बंद किए जाने के आदेश के बाद 2006 में वीआरएस लिया था। जिन्हें अभी महज केवल 500 से 700 और एक हजार रूपए से कम पेंशन मिल रही है।
मांगो को पूरी कर सरकार पहुचाए राहत- सराठे
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान मप्र.सड़क परिवहन निगम पेंशनधारी कर्मचारी महासंघ
संभागीय अध्यक्ष अशोक सराठे ने बताया कि निगम का पहले बालाघाट में कार्यालय और डिपो भी था। कार्यालय से लेकर बसो के संचालन का पूरा अमला, यहां तैनात था, लेकिन 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबुलाल गौर के बसो के संचालन को बंद किए जाने और कर्मचारियों को वीआरएस लेने के दबाव के चलते जिले में कार्यरत कर्मचारियों ने वीआरएस लिया था। जिसमें कर्मचारियों को उपादान की राशि भी कम मिली थी। जिसको लेकर कर्मचारी मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम पेंशनधारी कर्मचारी समन्वय समिति, हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट से हालिया आदेश दिया गया है कि कर्मचारियों को 98 से 6 प्रतिशत ब्याज के साथ उपादान की राशि प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कर्मचारी, मजदूरों की मजदूरी से भी कम पेशन मिलने से व्यथित है, ऐसे में हमने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अन्य राज्यो की तरह वृद्धावस्था सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा में परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग मुख्यमंत्री से की है। हमारी सरकार से गुहार है कि इन सभी मांगों को पूरी कर हम पेंशनधारी कर्मचारियों को राहत प्रदान की जाए।