मलाजखंड में पेसा एक्ट, आदिवासी समुदाय के अधिकारो को लेकर होगी दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

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ताम्र परियोजना मलाजखंड के सामुदायिक भवन कापर क्लब मलाजखंड में आगामी 14 सितंबर से संविधान की पांचवी अनुसूची पेसा अधिनियम और आदिवासी अधिकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा हैं।आयोजित कार्यशाला के तहत परिचर्चा का लक्ष्य सामूहिक विचार विमर्श द्वारा विविध आयाम विषयों के जटिल पहलुओं को स्पष्ट करने का प्रयास हैं। जिसकी तमाम जानकारी बुधवार को मलाजखंड में प्रेस वार्ता के दौरान दी गई।प्रेसवार्ता के दौरान बैहर विधायक संजय उइके, जिला पंचायत सदस्य मंशाराम मड़ावी,सामाजिक कार्यकर्ता द्रोपकिशोर मेरावी सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े पदाधिकारी सदस्यगण, व सामाजिक कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

संवैधानिक अधिकारों के लिए आदिवासी समाज आज भी कर रहा संघर्ष- संजय उइके
बैहर विधायक संजय उइके ने बताया कि भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची 10 राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू है, जो स्थानीय समुदायों को लघु वन उत्पाद, जल और खनिजों पर अधिकार सुनिश्चित करती है।हालांकि, इन संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए आदिवासी समुदायों को आज भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

अधिकारों की रक्षा के लिए व्यापक राष्ट्रीय रणनीति तैयार की जाएगी- मड़ावी
जिला पंचायत सदस्य मंशाराम मड़ावी ने बताया कि पांचवी अनुसूची की मूल भावना को समझना और उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करना है। पेसा कानून के क्रियान्वयन की समीक्षा करना और उसे मजबूत बनाने के लिए उपाय बताए जाएंगे। विभिन्न राज्य में बने पेसा कानून के नियमों का तुलनात्मक अध्ययन के साथ स्पष्ट किया जाएगा। आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति तैयार की जाएगी

4 सत्रो में होगा आयोजन- मेरावी
सामाजिक कार्यकर्ता द्रोपकिशोर मेरावी ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यशाला में 12 राज्यों के पेसा कानून के जानकार, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होने वाले है। कार्यशाला सत्र के अनुसार होगा। जिसमें 14 सितंबर को उद्धाटन सत्र, परिचय सत्र, पहला सत्र, दूसरा सत्र, तीसरा सत्र होगा। 15 सितंबर को पहला सत्र, दूसरा सत्र, तीसरा सत्र, चौथा सत्र और उसके बाद अंतिम सत्र संपन्न किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला बैहर सामाजिक आर्थिक विकास आधार, रूढ़ी प्रथा पारंपरिक गांव गणराज ग्रामसभा मप्र व जल, जंगल, जमीन और जीव बचाओ साझामंच मप्र भोपाल के अलावा मूलवासी सेवा समिति एवं केबीकेएस जिला मंडला मप्र सहयोगी रहेंगे।

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