अक्सर समस्या उतनी बड़ी नहीं होती जितनी हम उसे अपनी निराशा, प्रयासहीनता और असहाय बनकर बड़ी बना देते हैं। यह बात कोरोना संक्रमण के इस दौर में और भी करीब से देखने को मिली। वायरस रूपी अनदेखे शत्रु की ताकत के आगे कई लोगों ने डरकर हार मान ली, जबकि एक बड़ा सच यह है कि ऐसे लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है जिन्होंने इस महामारी को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से मात दी और दूसरों के लिए भी मिसाल बने। नकारात्मकता से भरे माहौल में अक्सर हमारा ध्यान उन खबरों, संदेशों पर पहले जा रहा है जिसमें अमंगल की छाप है, लेकिन जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण से देखते हैं तो पाते हैं कि बीमारी के हाथों जीवन हार चुके लोगों से कहीं ज्यादा संख्या उन जीवटता लिए लोगों की है जिन्होंने महामारी का डटकर मुकाबला किया और जीत भी प्राप्त की। फिर चाहे वह बैतूल के 104 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विरदीचंद गोठी हों या उज्जैन की 62 वर्षीय उषा निगम जिन्होंने फेफड़ों के 95 प्रतिशत संक्रमित होने के बावजूद कोरोना को मात दी।
ऐसे कई उदाहरण हमारे आसपास हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बने। आज जब चारों ओर नकारात्मकता व्याप्त है ऐसे में नईदुनिया द्वारा अपने पाठकों के लिए सकारात्मक पहल की जा रही है। नईदुनिया ‘अपराजेय मैंने कोविड को हराया है” कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया के जरिए हो रहे इस आयोजन में उन लोगों की कहानी शामिल की जाएगी जिन्होंने हिम्मत हारी नहीं बल्कि हिम्मत से काम लिया और कोरोना को मात देते हुए मिसाल कायम की। नईदुनिया मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के पाठकों के लिए यह पहल की जा रही है।
इसमें उन्हें अपने वीडियो भेजने होंगे जो कोरोना को हराकर मिसाल बने हैं। ऐसे लोगों को अपनी दास्तां वीडियो के रूप में सुनाकर भेजनी होगी। प्राप्त वीडियो में से चुनिंदा वीडियो को नईदुनिया एक्टिविटी फेसबुक पेज पर क्रमबद्ध ढंग से जारी किया जाएगा। जिससे समाज के अन्य लोग प्रेरणा ले सकें कि महामारी विकराल जरूर है, लेकिन इसे हराना असंभव नहीं। जरूरत है तो सही तरीका, सकारात्मक सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और सही उपचार की। अपनी कहानी समाज के अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए पाठकों को 2 से 3 मिनट का वीडियो 9111276000 नंबर पर वाट्सएप करना होगा।