महाविद्यालय के वाटर फिल्टर में मेढ़क काई मौजूद

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। सरकारों के द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा चलकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। परंतु कुछ स्थानों पर यह स्वच्छता केवल कागजों में साबित हो रही है ऐसा ही एक मामला नगर के शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय का 24 अक्टूबर को सामने आया है। जहां पर वाटर फिल्टर में मेंढक और और काई स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। जहां पर विद्यार्थियों को वह पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जिससे स्पष्ट दिख रहा है कि महाविद्यालय स्वच्छता के प्रति कितना जागरूक बना हुआ है। ऐसे में विद्यार्थियों में भी आक्रोश पनप रहा है वही महाविद्यालय में कुछ वाटर कूलर खराब रखे हुए हैं। विद्यार्थियों के द्वारा महाविद्यालय प्रशासन से उचित व्यवस्था और साफ सफाई का ध्यान रखने की मांग की जा रही है ताकि विद्यार्थियों को अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। विदित हो की महाविद्यालय मैं एनएसएस एनसीसी इकाइयों के माध्यम से लगातार कार्यक्रम के तहत स्वच्छता अभियान स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा जैसे विभिन्न कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया जाता रहा है। परंतु इस घटना के बाद दिख रहा है कि महाविद्यालय स्वयं ही जागरूक नहीं हो पा रहा है। उक्त संबंध में महाविद्यालय प्राचार्य से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु संपर्क नहीं हो पाया।

पैर के माध्यम से पानी में मेंढक का चला पता

महाविद्यालय सुबह प्रतिदिन की तरह 24 अक्टूबर को भी कर्मचारियों के द्वारा खोल दिया गया था। जहां पर विद्यार्थी धीरे-धीरे अपनी कक्षाओं में पहुंच रहे थे तभी लाइब्रेरी के पास स्थित वाटर कूलर पर कुछ विद्यार्थी पानी पीने के लिये गये । जिसमें एक विद्यार्थी पानी पीने के लिए जा रहा था तभी उसने मेंढक का पैर देखा इसके बाद वाटर कूलर के ऊपर की छत हटाकर देखा तो उसके अंदर दो मेंढक थे तो वही वाटर कूलर के तल पर कुछ-कुछ स्थानों पर काई जमी हुई थी। इसके बाद उसने पानी नहीं पिया और बाकी छात्रों को भी बताया परंतु इस दौरान एक छात्रा के द्वारा पानी पी लिया गया था जिसके बाद उसे घटना की जानकारी लगी। हालांकि उक्त छात्रों के द्वारा संभावित कुछ छात्रों को बताया गया परंतु उसके बाद भी वहां पर छात्रों के द्वारा पानी का उपयोग जानकारी के अभाव में किया जाता रहा होगा।

महाविद्यालय में पेयजल की स्थिति खराब

शासकीय महाविद्यालय में पेयजल की स्थिति पहले से बहुत खराब है जहां पर कुछ वाटर कूलर का सुधार कार्य आवश्यक है। जिसे लगातार पानी बहता रहता है तो वही साफ सफाई भी बराबर से नहीं की जाने के कारण पानी पीने वाले स्थान पर धूल और काली गंदगी जमा हो गई है। जबकि इसके पूर्व एक वाटर कूलर का मामला सामने आया था जिसके द्वारा करंट छोड़ा जा रहा था। वहीं बीते 5 दिनों से महाविद्यालय के आउटसाइड में लगे सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था के पांचो नल बंद पड़े हुए हैं। जहां पर टंकी के माध्यम से पानी नहीं उतर पा रहा है इस प्रकार पेयजल व्यवस्था लगातार खराब बनी हुई है। जिसको लेकर अनेकों बार विद्यार्थियों के द्वारा महाविद्यालय प्रशासन को जानकारी भी दी गई है परंतु इस व्यवस्था को दुरुस्त करने में महाविद्यालय के द्वारा लगातार सफल प्रयास नहीं किया जा रहे हैं। जिसके कारण कई बार विद्यार्थियों को पानी पीने के लिए महाविद्यालय से बाहर होटल में जाना पड़ रहा है।

छात्र सुजल मेश्राम ने बताया कि महाविद्यालय में पानी पीने की बहुत ज्यादा समस्या है फिल्टर में मेंढक पाये जा रहे हैं सफाई कुछ भी नहीं है। नीचे में जो सार्वजनिक नल लगाए गए हैं उसमें भी पानी पांच दिनों से नहीं आ रहा है बाकी फिल्टरों की स्थिति भी खराब है हम पानी पीने के लिए गए तो हमें वहां पर मेंढक दिखा वरना सभी बच्चे तो सामान्य रूप से पानी पी रहे हैं। इस प्रकार से बच्चे पानी नहीं पी सकते हैं यहां पर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए जबकि उनके द्वारा स्वच्छता सेवा पखवाड़ा सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। परंतु यह केवल महाविद्यालय से बाहर दिखता है अंदर नहीं इसमें महाविद्यालय को सप्ताह के भीतर वाटर कूलर और टंकी की सफाई करनी चाहिए।

छात्र हिमांशु पटले ने बताया कि मैं महाविद्यालय पहुंचा तो मुझे प्यास लग गई थी तो तत्काल वाटर फिल्टर के पास आकर मेरे द्वारा पानी पिया गया। पानी पीने के बाद मुझे पता चला कि इसमें मेंढक था पहले नहीं पता चला था। यह बहुत बड़ी लापरवाही है ऐसा नहीं होना चाहिए और ऐसा नहीं करना चाहिए बाकी सभी बच्चे यहीं से पानी पियेंगे इसलिए साफ सफाई होनी चाहिए। परंतु देखकर लगता नहीं की साफ सफाई पर कोई ध्यान दिया जाता होगा फिल्टर में कई स्थानों पर धूल बैठी हुई है नीचे में फिल्टर का पानी बहता रहता है उसे ठीक करना चाहिए परंतु कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि साफ सफाई रहेगी सब ठीक रहेगा तो हम सब विद्यार्थी भी स्वस्थ रहेंगे।

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