वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। शंकर साव पटेल शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी में 26 अक्टूबर की दोपहर करीब 12:30 बजे भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एवं भीम आर्मी के संयुक्त तत्वावधान में गेटबंदी कर धरना प्रदर्शन किया गया। यह धरना प्रदर्शन महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के द्वारा हो रही विद्यार्थियों को समस्याओं के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए किया गया। जहां पर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई वहीं जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य को ज्ञापन सौंप कर धरना प्रदर्शन का समापन किया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा वहीं प्राचार्य के द्वारा विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करवाने का आश्वासन भी उन्हें दिया गया। जिस पर यह धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
1 घंटे तक चला धरना प्रदर्शन
विद्यार्थियों के द्वारा एक दिवस पूर्व महाविद्यालय में तालाबंदी को लेकर आवेदन दिया गया था कि मांगे पूरी ही जाए अन्यथा महाविद्यालय में तालाबंदी की जाएगी। जिसको लेकर विद्यार्थियों के द्वारा 26 अक्टूबर की दोपहर करीब 12:30 बजे महाविद्यालय का मुख्य गेट बंद कर उसके सामने धरना प्रदर्शन किया गया। जहां पर कॉलेज प्रशासन मुर्दाबाद तानाशाही नहीं चलेगी आवाज दो हम एक है जैसे विभिन्न प्रकार के नारेबाजी की जाती रही। जहां पर करीब आधे घंटे बाद महाविद्यालय प्राचार्य प्रवीण श्रीवास्तव विद्यार्थियों से चर्चा करने के लिए पहुंचे जिन्हें विद्यार्थियों के द्वारा महाविद्यालय में हो रही समस्याओं जैसे साफ सफाई न होना शिक्षकों के द्वारा छात्रों से अभद्रता करना महाविद्यालय में मूलभूत व्यवस्था न होना विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति उपलब्ध न होना और लगातार परीक्षा परिणाम में आ रही समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। जिस पर प्राचार्य के द्वारा विद्यार्थियों को संतोषजनक जवाब दिया गया इसके बाद यह धरना करीब 1:30 बजे समाप्त हुआ यह प्रदर्शन करीब एक घंटा चला।
विद्यार्थियों ने प्राचार्य के नाम सौपा ज्ञापन
धरना प्रदर्शन के अंत में विद्यार्थियों के द्वारा महाविद्यालय प्राचार्य प्रवीण श्रीवास्तव को ज्ञापन सौपा गया। जिसमें उल्लेखित है कि पिछले कुछ वर्षों से छात्र-छात्राओं की समस्याओं को शासन के समक्ष लगातार प्रस्तुत किया जा रहा है। परन्तु हमेशा की तरह निराशा ही प्राप्त हुई है आये दिन छिन्दवाड़ा युनिवर्सिटी की लापरवाही के कारण हजारो छात्र-छात्राओ का भविष्य खराब हो रहा है। जहाँ समय पर विद्यार्थियों की मार्कशीट नही दी जा रही है। समय पर छात्रवृति भी जरूरत मंद या सभी विद्यार्थियों को प्राप्त नहीं हो पा रही है। महाविद्यालय में शिक्षको के द्वारा अभद्र व्यवहार एवं गाली-गलौच करके छात्रों अपमानित किया जा रहा है। जिसके कारण छात्र- छात्राओ को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय परिसर में साफ सफाई नहीं रखी जा रही है स्वच्छ पानी भी पीने के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहा है कक्षाएं समय पर संचालित नहीं हो रही है। जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है हम चाहते हैं कि उक्त समस्याओं का अतिशीघ्र निराकरण किया जाये।
एनएसयूआई जिला प्रभारी ऋषभ सहारे ने बताया कि हमें हर बार आश्वासन मिल रहा है परंतु समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की समस्या है जिसमें बच्चे फेल होते जा रहे हैं कॉपी चेकिंग ठीक से नहीं हो रही है 500 विद्यार्थियों में 300 विद्यार्थी फेल हो रहे हैं। संतोष बिसेन नाम के शिक्षक हैं जिन्होंने बच्चों के साथ अभद्रता करी है उन्हें सस्पेंड करना चाहिए छात्रवृत्ति जो लेट लतीफ होते रहती है वह जल्द दिलानी चाहिए। हर किसी को समस्याएं होती है परंतु इन समस्याओं को महाविद्यालय के द्वारा ध्यान देकर व्यवस्था बनानी चाहिए परंतु यहां देखने में आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ महाविद्यालय बन गया है। उन्हीं का यहां पर काम हो रहा है जन भागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन है उनका कोई ध्यान नहीं है साफ सफाई पीने के अपनी कक्षा नहीं लग रही है मूलभूत व्यवस्था पर ही प्रश्न चिन्ह लग रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए।
सुजल मेश्राम ने बताया कि छात्रवृत्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है दूर दराज के विद्यार्थी यहां पढ़ने आते हैं जैसे रामपायली बिटोड़ी डोंगरमाली तक के विद्यार्थी यहां पर आते हैं और क्षेत्र का एक बड़ा महाविद्यालय होने के कारण आसपास के विकासखंड के छात्र-छात्राएं भी यहां पर शिक्षा अध्ययन करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। ऐसे में महाविद्यालय में बहुत ज्यादा समस्या हो रही है कि विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है परिसर में सीसीटीवी कैमरे चालू नहीं है पानी में मेंढक मिल रहा है हर तरह की समस्या महाविद्यालय में है। जिस पर अनेकों बार ध्यान आकर्षण करवाया गया है परंतु उसका आज तक निराकरण नहीं हो पाया है विद्यार्थियों की सुनवाई ही नहीं है प्राचार्य ने आश्वासन तो दिया है समाधान करने का परंतु आगे क्या होता है देखने मिलेगा। वर्तमान में तो दूर दराज से जैसे लोग आते हैं पढ़ने के लिए तो कक्षाएं नहीं लगती तो निराश होकर जाना पड़ता है। महाविद्यालय में बाहर के लोग आते हैं और वह यहां का वातावरण खराब करने का काम करते हैं हम यही चाहते हैं की महाविद्यालय का ठीक तरीके से संचालन होना चाहिए।