महाविद्यालय द्वारा बिना कारण नौकरी से निकलने पर कलेक्टर को सोपा ज्ञापन

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शासकीय शंकर साव पटेल महाविद्यालय में जन भागीदारी मैं मजदूरी कार्य कर रहे पूनाजी पथिक को बिना कारण बताएं कार्य से बंद करने पर उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर महाविद्यालय में चल रही तानाशाही पर संज्ञान लेने की मांग की है। ज्ञापन में उल्लेखित है कि वह शासकीय महाविद्यालय में विगत कई वर्षों से महाविद्यालय के अनेक कार्यों में कार्य कर रहे थे पिछले कुछ सालों से वह महाविद्यालय के छात्रावास में रात्रि कालीन चौकीदार का काम कर रहे थे। परंतु अचानक ही महाविद्यालय के बाबू महेंद्र डोंगरे जो महाविद्यालय में काम करते हैं उनके द्वारा मुझे कार्य से निकाल दिया गया है और मुझे बताया गया कि मेरी उम्र हो चुकी है। जबकि मेरी ही उम्र के समान कुछ लोग और महाविद्यालय में कार्य कर रहे हैं परंतु उन्हें नहीं निकल गया है मुझे आपसी दुश्मनी निकालने के लिए और मेरे तरह ही कई जन भागीदारी मजदूरों को बाबू महेंद्र डोंगरे द्वारा परेशान किया जाता है। जिसमें कुछ लोग कॉलेज से निकलने के डर के कारण चुपचाप अपने कार्य में संलग्न रहते हैं हम चाहते हैं कि इस कृत्य को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की जाये। पद्मेश से चर्चा में पूनाजी पथिक ने बताया गया कि मुझे जन भागीदारी अध्यक्ष एवं महेंद्र डोंगरे के द्वारा महाविद्यालय में जांबघारी मजदूर के रूप में कार्य से बंद कर दिया गया है वर्तमान में मेरे सामने जीवन निर्वाह की समस्या बनी हुई है। जबकि मैं शरीर से पूरी तरह स्वस्थ हूं सुन सकता हूं बोल सकता हूं चल सकता हूं उसके बावजूद मुझे बंद कर दिया गया है जबकि मैं 2007 से कार्य कर रहा था 17 साल मेरे द्वारा महाविद्यालय में सेवा दी गई मैं और मेरी पत्नी हम दोनों साथ में रहते हैं हमारा लड़का हमें नहीं पाल रहा है। बड़ी समस्या बनी हुई है कि अब कैसे हम अपना घर चलाएंगे जिसके लिए हम चाहते हैं कि महाविद्यालय में इस प्रकार की हो रही तानाशाही पर कार्यवाही की जाये।

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