वर्तमान समय में लूटपाट एवं चोरी की घटनाएं रोजाना होते जा रहे है और वर्तमान समय ईमानदार व्यक्ति एवं मानवता का परिचय देने वाले लोगों की संख्या बहुत ही कम है। अगर किसी व्यक्ति को रूपयों या जेवरात मिल जाये उसकी नियत बदल जाती है व लालच में आकर वापस नही करता परन्तु खैरगांव चांगोटोला निवासी माया तुरकर ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए जेवरातों से भरा पर्स वापस कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार १३ नवंबर को सिवनी के अंतर्गत आने वाले ग्राम सुक्कम खोटखेड़ा घंसौर की सुषमा मर्सकोले पति छोटू मर्सकोले अपने मायके वारासिवनी थानांतर्गत ग्राम नेवरगांव अपने मायके मंडई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नैनपुर से लामता होते हुए कौशल बस से आ रही थी एवं यह महिला लालबर्रा के लिए लामता से बस से उतर गई और उक्त बस पर माया तुरकर भी खैरगांव चांगोटोला से बालाघाट होते हुए बेहरर्ई अपने मायके अपने पिता सुकचंद पारधी के यह मंडई के कार्यक्रम में आ रही थीं।
उसी समय माया तुरकर को एक पर्स बस में मिला और उन्होंने बेहरई पहुंचकर अपने पिता के घर में आकर पर्स को खोलकर देखा तो उसमें एक नग करधन, दो पायल चांदी की, एक अगूंठी, एक बिछिया व अन्य सामान था जिससे देखकर वे दंग रह गई और अपने पिता और आसपास के लोगों को बताई। जिसके बाद पर्स में एक पर्ची मिली और उस पर्ची के माध्यम से राजेश बिसेन शिक्षक के द्वारा नेवरगांव वा. के शिक्षक रमेश धुर्वे को फोन लगाकर उस महिला का पता लगाया गया जिस पर पता चला कि वह महिला एक गरीब परिवार से है जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके बाद सुषमा मर्सकोले व उसके पति को बेहरई बुलाकर जेवरात से भरे पर्स को वापस लौटा दिया गया। इस तरह माया तुरकर ने मानवता का परिचय देकर एक मिशाल पेश की है। पर्स मिल जाने के बाद महिला व उनके पति ने माया तुरकर एवं पारधी परिवार व शिक्षक राजेश बिसेन का धन्यवाद व्यक्त किया।










































