कोरोना महामारी में जिसे जैसे जनता की सेवा करने का मौका मिला उसने किया। इसमें कई समाजसेवी ने एकजुट होकर कई अच्छे कार्य किए। वहीं कुछ स्कूल संचालक ऐसे भी है, जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की और स्कूल के ग्रुप में यह संदेश भेजा कि जिस बच्चे के घर में किसी का देहांत हुआ है, तो उसकी फीस एक साल के लिए माफ कर दी जाएगी। इसके अलावा उस बच्चे के अच्छे पढ़ने पर उसे अन्य सुविधाएं भी स्कूल की ओर से ही उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि बच्चे के स्वजन पर बोझ नहीं पड़े और बच्चा भी बिना किसी तनाव के अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सके।
अन्य स्कूलों को भी होना चाहिए जागरूक : इस मानवता को देखते हुए अन्य निजी स्कूलों को भी जागरूक होना चाहिए। जिससे वह भी बच्चों को तनाव मुक्त रहकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित कर सके। कोरोना महामारी के दौरान कई ऐसे परिवार है, जिसमें अधिकांश लोग आर्थिक मंदी का शिकार हो गए हैं और उनके पास फीस भरने और अन्य व्यय के लिए रुपये नहीं हैं। वहीं उनके लिए घर चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है। जिसे देखते हुए अन्य स्कूलों को भी ऐसी कोई योजना अपने स्कूलों में शुरू करनी चाहिए, ताकि बच्चों के स्वजन को राहत मिल सके।
कक्षा शिक्षक को दे जानकारी, यह किए जा रहे प्रयास : कुछ निजी स्कूलों ने यह प्रयास किए हैं जिसमें स्कूल के ग्रुप में संदेश भेजा गया है कि कोरोना वायरस के कारण हमने अपने को खोया है। यदि ऐसा कुछ दुखद हादसा हमारे किसी छात्र, छात्रा के अभिभावक का हुआ है और इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को नहीं है तो छात्र अपनी कक्षा शिक्षक को इसकी सूचना दें। स्कूल की ओर से उस छात्र, छात्रा को सत्र 2021 और 22 में निश्शुल्क अध्ययन कराया जाएगा और विद्यार्थी को अध्ययन की सामग्री भी निशुल्क दी जाएगी। वहीं विद्यार्थी अपनी कक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक अंक लाता है, तो उसे दूसरे सत्र में भी निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। साथ ही छात्रवृत्ति मानक मापदंड के आधार पर पात्रता अनुसार प्रदान की जाएगी।
मोबाइल की भी कराई जा रही व्यवस्था : स्कूल प्रबंधन ने ऐसे बच्चों का भी चयन किया है, जिनके पास मोबाइल नहीं है और वह आनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे। जिसे देखते हुए अब वह ऐसे बच्चों को मोबाइल की भी व्यवस्था करा रहे हैं। हालांकि इसमें समाजसेवियों से भी मदद मांगी गई है।