लालबर्रा मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में गत दो दिनों से रूक-रूक कर हो रही झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर चल रहे है और नीचले स्तरों में जल-भराव की स्थिति निर्मित हो गई है जिससे जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही ग्रामीणजनों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है एवं तेज बारिश होने से धान रोपाई कार्य भी प्रभावित हो रहा। इसी तरह नगर मुख्यालय से ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत मिरेगांव से निलजी पहुंच मार्ग पर बने पुलों की ऊंचाई कम होने के कारण २७ जुलाई की रात में हुई झमाझम बारिश से नालों में बाढ़ आने के कारण मिरेगांव से निलजी मार्ग के बीच स्थित दो पुल पूरी तरह से डूब चुका है जिसके ऊपर से करीब ४ से ५ फीट से अधिक पानी बह रहा है जिससे मिरेगांव व निलजी का संपर्क टूट चुका है। साथ ही ग्रामीणजन व राहगीर जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे है ऐसी स्थिति में यदि अचानक पानी का तेज बहाव बढ़ता है तो ग्रामीणजन व राहगीरों का वाहन पुल पार करने के दौरान अनियंत्रित होकर बह सकता है जिससे बड़ा हादसा घटित भी हो सकता है। वहीं मिरेगांव व निलजी के बीच में कटीटोला ग्राम है जिसके दोनों ओर पुल में अत्यधिक पानी होने के कारणकटीटोला के ग्रामीणजन गांव में ही कैदहो चुके है। अगर किसी की तबियत खराब हो जाये व किसी को नगर मुख्यालय आना है तो वे नही आ सकते ऐसी स्थिति में ग्रामीणजनों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और उनके साथ कुछ भी घटित हो सकता है। वहीं लंबे समय से ग्रामीणजन मिरेगांव से निलजी के बीच में आने वाले दोनों पुल की ऊंचाई बढ़ाकर नवीन पुल का निर्माण करवाने की मांग कर रहे है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे सभी में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीण व राहगीरों ने शासन-प्रशासन से मिरेगांव व निलजी पहुंच मार्ग के बीच में बने पुल की ऊंचाई बढ़ाकर नवीन पुल बनाने की मांग की है।
नाला डुब जाने से मिरेगांव-निलजी का टूटा संपर्क
आपकों बता दें कि बालाघाट-सिवनी मार्ग से सटे ग्राम मिरेगांव से निलजी पहुंच मार्ग एवं पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग के द्वारा विगत वर्षो पूर्व करवाया गया है परंतु निर्माण कार्य के दौरान विभाग के द्वारा पुल की ऊंचाई नहीं बढाई गई है जिसके कारण हर वर्ष बरसात के दिनों में २-३ घंटे की झमाझम बारिश होने से बाढ़ की स्थिति निर्मित होने। साथ ही पुल के ऊपर से ४ से ५ फीट पानी बहता है। जिससे निलजी सहित आसपास के अन्य ग्रामों का संपर्क नगर मुख्यालय से टूट जाता है और पुल डुब जाने से सबसे अधिक परेशानी ग्राम पंचायत निलजी के अंतर्गत आने वाले ग्राम कटीटोला के ग्रामीणों व स्कूल पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को होती है क्योंकि यह ग्राम मिरेगांव से निलजी पहुंच मार्ग के बीच में बसा हुआ है जो दो पुलों के बीच में है और पुल के ऊपर पानी होने के कारण कटीटोला के ग्रामीणजनों का नगर मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। ऐसी स्थिति में यदि ग्राम में किसी की तबियत खराब हो जाये तो गांव तक डॉक्टर, एम्बुलेंस तक नही पहुंच पायेगी और ग्रामीणजनों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणजनों ने कई बार जिम्मेदार जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को पुल की ऊंचाई बढ़ाने की मांग कर चुके है परन्तु कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे शासन-प्रशासन के प्रति ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त हैं साथ ही पुल में बाढ़ आने से किसानों का कृषि कार्य भी प्रभावित हुआ है एवं नाले समीप स्थित किसानों के खेतों में लगाई गई धान का रोपा डुब जाने से खराब भी हो सकती है जिससे किसान भी खासा परेशान नजर आ रहे है फसल को लेकर। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ विभाग के द्वारा विगत वर्ष पूर्व सडक़ व पुल निर्माण का कार्य किया गया है परंतु विभाग के द्वारा इस मार्ग पर जिन पुलों का निर्माण किया गया है उसकी ऊंचाई कम रखा गया है जिसके कारणतेज बारिश होने पर पुल डूब जाते है। जिससे निलजी से मिरेगांव का संपर्क टूट जाता है और सबसे अधिक परेशानी कटीटोला के ग्रामीणों को होती है क्योंकि लालबर्रा व निलजी तक जाने के लिये उनके पास अन्य कोई मार्ग नहीं है जिससे वे इस गांव में फंसे रह जाते है। वहीं स्कूली ब’चों को भी स्कूल जाने में बेहद परेशानी होती है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि पुल की ऊंचाई बढ़ाये।
दूरभाष पर चर्चा में जनपद अध्यक्ष श्रीमती देवीलता ग्वालवंशी ने बताया कि मिरेगांव से निलजी पहुंच मार्ग के बीच में दो नाले है परन्तु ऊंचाई कम होने के कारण २ से ३ घंटे तक झमाझम बारिश होने से नाले में बाढ़ आने के साथ ही पुल के ऊपर से ४ से ५ फीट पानी बहने से ग्रामीणजनों को आने-जाने में बेहद परेशानी होती है और मेरे द्वारा पुल की ऊंचाई बढ़ाकर नवीन पुल का निर्माण के लिए शासन-प्रशासन को मांग पत्र पूर्व में सौंपा गया है परन्तु प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है पुन: संंबंधित विभाग से चर्चा कर पुल की ऊंचाई बढ़ाने के संबंध में चर्चा की जायेगी।