शुक्रवार 29 मार्च की रात मायल नगरी भरवेली में एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद क्रांतिकारी नेता कंकर मुंजारे ने अपने वक्तय में बताया कि उनकी राजनीति की शुरुआती भरवेली से हुई है और भरवेली ही मेरी कर्म भूमि रही है। ज्ञात हो की कंकर मुंजारे इस बार लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के टिकट से हाथी निशान से लड़ रहे हैं।भरवेली बाजार चौक में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भरवेली की राजनीति से जुड़े हुए अपने कुछ किस्से साझे किए और बताया कि आज उनकी और भी जगह पर सभाएं थी मगर जैसे उनकी राजनीति की शुरुआत भरवेली से हुई है वैसे ही उन्होंने और जगह के कार्यक्रम को छोड़कर 2024 के लोकसभा चुनाव की शुरुआत भरवेली से कर रहे हैं। वही इस सभा को सहजलाल उपवंशी जुनैद खान सामजिक कार्यकर्ता इमरान खान काशी नागपुरे रवि नागपुरे ने भी संबोधित किया।इस दौरान प्रभु लाल ,मोनू पटेल, विजू गड़पाले, हर्ष मुंजारे, आकाश रावते, इंजीनियर प्रभात ,बट्टू लाल काका, यशवंत मेश्राम ,फूलचंद मलेश सहित अन्य पदाधिकारी सदस्य व ग्रामीणजन भारी तादात में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे !
कांग्रेस/भाजपा के प्रत्याशी पर साधा निशाना
श्री मुंजारे ने आयोजित जन सभा मे भाजपा प्रत्याशी श्रीमती भारती पारधी पर निसाना साधते हुए बताया कि भारती पारधी पार्षद बनी तो पार्टी ने उन्हें नगर पालिकाअध्यक्ष के लायक भी नहीं समझा और आज किसके कहने पर उन्हें पार्टी ने सांसद प्रत्याशी घोषित किया है यहां तो बड़ी सोचने की बात है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर उन्होंने बताया कि उन्हें( सम्राट) को कोई जानता नहीं है पार्टी ने क्या सोचकर उन्हें टिकट प्रदान किया उनकी टिकट को काटने के लिए उन्हीं की कांग्रेस पार्टी के 3 विद्यायक 1 पूर्व विधायक 1पूर्व सांसद दिल्ली गए अब ये किस मुँह से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के लिए वोट मांगेंगे.
परिसीमन में गड़बड़ी करके बड़े वोट बैंक को परसवाड़ा से हटा दिया
उनकी पिछले कुछ चुनाव में हार हुई है इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे परिसीमन करके उनका जो बडा एक वोट बैंक था उसको उनके विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा से अलग कर दिया गया।उन्होंने उस हार के अंतर को भी बताया की 1100, 2500, 5500 के अंतर के करीब उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी से हार हुई है।अगर उनके क्षेत्र परसवाड़ा में परिसीमन में गड़बड़ी करके उनके वोट बैंक को अलग ना किया होता तो वह वर्तमान में भी आज परसवाड़ा के विधायक होते। ज्ञात हो की ग्राम भरवेली हीरापुर अमेडा और इससे लगे कुछ क्षेत्र भी आज से कुछ साल पहले परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ही आते थे ।
गरीब जनता की आवाज उठाते कईं बार गए जेल
अयोजित जन सभा को सम्बोधित करते हुए श्री मुंजारे ने मॉयल में हुए गोली कांड को लेकर बताया कि एक मज़दूर आंदोलन के दौरान कैसे कांग्रेस की सरकार ने मजदूरों पर गोली चला करके 3 मज़दूरों की हत्या कर दी और जब ये बात उनको पता चली तो वहा भरवेली के लिए निकले तो सिवनी कैम्प में मजदूर साथियों के द्वारा उनको रोक दिया गया और कहां गया कि पुलिस आपको भी मार देगी आप आगे ना जाएं मगर मैंने उनकी ना सुनी आगे जाने की कोशिश की तो मेरे रस्ते में महिलाएं आकर के लेट गई और मुझे जाने नहीं दिया उसके बाद में बालाघाट के सभी दल के नेताओं से मिला और उनको इस घटना क्रम के बारे में बताया कि कैसे मजदूरों पर पुलिस गोली चला सकती है यह घटना कोई छोटी घटना नहीं है बहुत बड़ी घटना है वही इस मामले में वहा 6 महीने जेल में भी रहे।वहीं उन्होंने बताया की कटिंग टोला जो आवलाझरी ग्राम में आता है जहां पर आज बड़ी-बड़ी बिल्डिंग हैं वहां एरिया उन्हीं के द्वारा बसाया गया हुआ है उन्होंने बताया कि चर्च के पीछे में जो बस्ती बसी है वहां भी उनके द्वारा बसाई गई है।जिसे तोड़ने एक बार एसडीएम और तहसीलदार बुलडोजर लेकर के आ गए थे मगर उन्होंने विधायक रहते हुए उस सरकारी अमले को कार्यवाही नहीं करने दिया और वापस भेज दिया, 20 फ़रवरी 1975 को हुए बालाघाट थाना की कांड याद करते हुए उन्होंने बताया की जब वहां कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे तो उनके एक मित्र रंजीत वासनिक को पुलिस ने इतना मारा कि वह अपनी जान से हाथ धो बैठा उसे मामले को लेकर छात्रों में और बालाघाट की जनता में इतना आक्रोश आ गया कि लोगों ने मिलकर थाना जला दिया वहीं थाना कांड में 3 साल तक बालाघाट सिवनी और जबलपुर जेल में बंद रहे।वही ब्रॉड गेज को लेकर कहां की वह और उनके साथी लामता में ब्रॉडगेज की मांग को लेकर के रेल रोको आंदोलन मे जेल जा चुके है कुम्हारी धापेवाड़ा में भी उनके और साथियों द्वारा रेल रोको आंदोलन किया गया जिन्हें जबलपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया और रेलवे कोर्ट द्वारा मुकदमा चलाया गया। उन्होंने उस वक्त के रेल मंत्री को कहा था कि अगर आपने बालाघाट ब्रॉड गेज नहीं बनाई तो हम यहां से पटरी उखाड़ फेंक देंगे !