मैंने कमलनाथ तक का ऑफर ठुकरा दिया

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पूर्व सांसद एवं गोंगपा से परसवाड़ा प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन कर जहां एक ओर विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे तो वहीं उन्होंने अपने विरोधियों पर शब्दों के कई बार चलाकर उनकी अंतिम सांस तक मैदान में डटे रहने और अन्याय, अत्याचार शोषण के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ते रहने की बात कही। आयोजित इस पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने उनके चुनाव नहीं लड़ने और अपना नामांकन फॉर्म वापस लेने वाली खबर का खंडन करते हुए इस खबर को झूठी व बे-बुनियाद बताया है. जिसमें उन्होंने इस खबर को भ्रामक खबर बताते हुए इसे भाजपा और कांग्रेस की चाल बताया है ।तो वहीं आगामी चुनाव में सत्ता परिवर्तन का समर्थन करते हुए सत्ता के साथ-साथ व्यवस्था में भी परिवर्तन करने की अपेक्षा की है। वहीं उन्होंने हाल ही में नगर में हुई मां बेटी की हत्या, जिले भर में लगातार बढ़ती जा रहे चोरी डकैती के मामले सहित लगातार बढ़ते जा रहे क्राइम ग्राफ के लिए पुलिस अधीक्षक और जिले की कानून व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा उन्होंने परसवाड़ा क्षेत्र में माइक्रो सिंचाई परियोजना का काम शुरू न होने पर भी ठेकेदार को 10 करोड रुपए से अधिक का अग्रिम भुगतान करने पर अपनी आपत्ति जताई है, तो वहीं उन्होंने इस पूरे मामले की जांच किए जाने की मांग की है ।इसके अलावा लामता कॉलेज और सातनारी जलाशय का काम ना करने का आरोप लगाते हुए इसमें भी भ्रष्टाचार कर भ्रष्टाचार का पैसा वोटरों तक पहुंचाने का आरोप लगाया है। जहां उन्होंने इन ज्यादातर मामलों की शिकायत निर्वाचन आयोग से किए जाने की बात कही है।

पुलिस प्रलोभन देकर बना रही मुखबिर
श्री मुंजारे ने नक्सली वारदातों को लेकर एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं ।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में नक्सली वारदात नहीं थम रही है ।पुलिस ग्रामीणों को प्रलोभन देकर मुखबिर बना रही है और मुखबिर के माध्यम से एनकाउंटर कर रही है ।जबकि पुलिस ने नक्सलियों का एनकाउंटर करने की बजाय उन्हें पड़कर कोर्ट में पेश करना चाहिए। वहां से उन्हें सजा दी जानी चाहिए।नक्सलियों से हमारा कोई ताल्लुक नहीं है। लेकिन सरकार के गलत कामों के चलते कानून व्यवस्था खराब चल रही है। परसवाड़ा के खापा में दो मुखबिरों की नक्सलियों द्वारा हत्या की गई थी। हम उनके घर गए तो उनके परिजन बता रहे थे कि पुलिस वाले नहीं आए ।जबकि थाना वहां से पास में ही था। पुलिस ने अपना काम जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए।

कमलनाथ का फोन आया था, मैंने मना कर दिया
श्री मुंजारे ने आगे बताया कि भ्रामक जानकारी फैलाना अपराध है हम इसकी शिकायत करेंगे भ्रामक जानकारी के प्रचार प्रसार पर रोक लगनी चाहिए। मैंने कोई विड्रोल फॉर्म नहीं लिया और ना ही मैंने फॉर्म उठाया। फिर भी मेरे खिलाफ गलत खबर प्रसारित की गई थी। यदि मुझे फॉर्म उठाना ही होता तो मैं सीधे जाता विड्रोल फॉर्मभरता एक साइन करता और वापस आ जाता। लेकिन मैं फॉर्म उठाने नहीं गया था। वहां बैठक थी बैठक में भाग लेने गया था और समय खत्म होने के बाद सिंबल लेने के लिए नामांकन केंद्र पहुंचा था।फिर भी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि मुझे फॉर्म उठाने से मेरे लोगों ने रोक दिया। जबकि कोई मुझे नहीं रोक सकता, मुझे फॉर्म उठना रहता तो मैं कब का उठा लेता। मधु भगत और रामकिशोर कावरे मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं वहीं वरिष्ठ पत्रकारों ने भी भृमक जानकारी नहीं फैलानी चाहिए ।उन्होंने बताया कि चार-पांच दिन पूर्व मुझे कमलनाथ ने फोन किया था। बोल रहे थे कि आप चुनाव मत लड़ो, हम आपके लिए कुछ अच्छा कर देंगे। लेकिन मैंने स्पष्ट कर दिया कि आप लेट हो गए पहले बोलते तो कुछ हो सकता था लेकिन जब मैने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने बताया कि कमलनाथ से मैं सिर्फ 5 साल का जूनियर हूं वह 1980 में चुनावी मैदान में आए तो मैं 1985 से राजनीति मैदान में हूं ।कमलनाथ ने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हारे लिए अच्छा करूंगा लेकिन मैंने साफ मना कर दिया।

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