मौसम में परिवर्तन के कारण खेती करने वाले किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा चुनौती उन किसानों के सामने हैं, जो धान की खेती कर रहे हैं।धान की खेती में इन दिनों तना छेदक बीमारी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं।जिसकी वजह से किसानों को धान की खेती में काफी नुकसान होने का अंदेशा लग रहा है। आपको बता दें जहां एक ओर किसानों ने अपनी रोपाई का कार्य पूर्ण कर लिया है तो वहीं दूसरी ओर बारिश के मौसम में मौसम का बदलते करवट से किसानों द्वारा लगाई गई फसलों को पानी न मिल पाने के कारण फसल में कई प्रकार की बीमारियां होने लगी है पानी की कमी से किसानो की खेत पूर्णता सूख चुके हैं जिससे धान के पौधों में तना छेदक भूरा माहू सहित अन्य बीमारी का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है जहां पौधों की पत्तियां पीली पड़ चुकी है जिससे किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं ।
बदलते मौसम की वजह से लगा रोग= माधोलाल लिल्हारे
छोटी कुम्हारी किसान माधोलाल लिल्हारे ने बताया की 2 एकड़ की जमीन में धान की फसल लगाई गई है अभी तना छेदक बीमारी का प्रकोप लगा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि यह रोग बदलते मौसम और पानी न होने की वजह से यह समस्या बनी हुई है। हमारे गांव में पानी का कोई साधन नहीं है बरसात के पानी के भरोसे खेती की जाती है। फसल को बचाने के लिए दवाई का इस्तेमाल भी करेंगे तो पानी न होने के कारण फसलों को कोई फायदा नहीं पड़ेगा। ऐसा पहली बार हुआ है पानी गिरता है तो फसल बहुत अच्छी होती है हमारी मांग है कि सरकार से की हमारे गांव में भी नहर का साधन उपलब्ध कराया जाए ताकि ऐसे समय हमें नहरों का पानी उपलब्ध हो सके।
300 किसान तना छेदक रोग से परेशान = सावन पिछोड़े
ग्राम पंचायत कुम्हारी सरपंच सावन पिछोड़े ने बताया कि हमारे गांव के 300 किसान तना छेदक रोग से काफी परेशान है। यह जो बीमारी है अधिक गर्मी और पानी नहीं मिलने के कारण फसलों में रोग लगा है इस रोग में लाल पत्ती होना,फिफली होना। गांव में कुछ जगह नहर का साधन है और कुछ जगह नहीं। इस बीमारी के कारण किसानों को काफी नुकसान होगा। इस बीमारी के बारे में कृषि विभाग के अधिकारियों को भी जानकारी है उसके बावजूद भी किसानों को सलाह देने के लिए वह अब तक नहीं आ पाए हैं। किसान हमेशा अपनी फसल पर आश्रित रहता है। ऐसे समय में कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा उन्हें सलाह नहीं देना यह समस्या परे हैं।
कोई सलाह नहीं मिलती किसानों को कृषि विभाग से= गौरीशंकर मोहरे
खैरी किसान गौरी शंकर मोहरे ने बताया कि ग्रामीण स्तर पराह की रोपाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। लेकिन फसलों को पानी न मिल पाने के कारण नुकसान होने की पूरी संभावना है लेकिन देखा जा रहा है कि धूप के कारण किट ज्यादा तैयार हो रहे हैं। जिससे धानो में पीली पत्ती आना प्रारंभ हुआ है कई जगह पोंगा की शिकायत समझ में आ रही है। यह सारी रोग मौसम की वजह से है पानी नहीं गिरना गर्मी ज्यादा होना ऐसे समय में कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों से मुलाकात करनी चाहिए और उनको किसानों को सलाह देना चाहिए लेकिन ऐसा कभी नहीं होता किसान खुद ही अपनी फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव करता है यह रोग सारे क्षेत्र में फैल गया है। सभी किसान के खेत में इस रोग का प्रकोप है। ऐसे समय में किसने को कृषि विभाग से सलाह देना चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है हमारी मांगे की ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाना चाहिए ताकि कार्रवाई के डर से किसानों से आकर मिले और उनको सलाह दे।