मौसमी बीमारी के शिकार हो रहे लोग

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नगर सहित क्षेत्र में बदलते मौसम में कभी बारिश कभी तेज गर्मी के प्रकोप से आमजन के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते स्थानीय सिविल अस्पताल में बुखार, उल्टी दस्त, सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। इन रोगों से पीडि़त मरीजों को डिहाईड्रेसन व मौसमी बीमारी का शिकार होना बताया जाता है जिसकी मूल वजह असन्तुलित भोजन व शरीर में पानी की कमी को बताया जा रहा है। मानव शरीर के एक तिहाई हिस्से में पानी होता है। गर्मी के मौसम में पानी कम पीने से और ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में पानी और नमक का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे कई तरह की समस्याऐं होने लगती है। वैसे स्वास्थ संबंधी यह रोग किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन इसकी चपेट में बच्चे जल्दी आ जाते है। ऐसे में हमारे शरीर में पानी की कमी हुई तो निश्चित ही हम सभी को इन रोगों से दो चार होना पड़ेगा।

मरीजों की बढ़ रही संख्या

यहां यह बताना लाजिमी है कि कुछ दिनों से मौसम में परिवर्तन लगातार बना हुआ है तेज धूप की तपन बनी रहती है और अचानक बदली बारिश के बाद फिर तेज धूप हो जाती है जिससे शासकीय सिविल अस्पताल वारासिवनी में लगातार उल्टी दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसमें ओपीडी में रोजाना करीब 300 से अधिक लोग अपना पंजीयन कराकर डॉक्टर से जांच कर रहे है। तो वहीं भर्ती वार्ड में भी मरीजों की भीड़ लगी हुई है जहां पर वर्तमान में 20 से अधिक मरीज भर्ती है जिनका उपचार किया जा रहा है इस प्रकार से यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

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