पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत शराब बेचने की योजना बनाई है। लेकिन प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति, ठेकेदारों को रास नहीं आ रही है।जिसके चलते बालाघाट सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक शराब दुकानों के ठेके नहीं हो पाए हैं। जहां जिले में शेष 51 दुकानों की नीलामी के लिए टेंडर पर टेंडर मंगाए जा रहे हैं लेकिन ठेकेदार इन दुकानों को खरीदने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शायद यही वजह है कि कई बार टेंडर जारी कर दुकान नीलाम करने के प्रयास किए गए लेकिन शासन के यह प्रयास विफल हो गए। अब शासन द्वारा 24 मार्च को अंतिम बार इन बची हुई दुकानों को नीलाम करने की कोशिश की जाएगी यदि इस कोशिश में भी आबकारी विभाग विफल साबित होता है तो फिर 1 अप्रैल से आबकारी अमले द्वारा ही शेष दुकानों का संचालन किया जाएगा जिसकी आदेश कमिश्नर द्वारा जिला कलेक्टर को जारी किए जा चुके हैं।
दुकान नीलाम करने के कई प्रयास हो चुके है विफल
आपको बताए कि शासन द्वारा शराब दुकानों की निलामी के लिए लॉनलाईन निविदा बुलाई गई थी जिसके तहत बालाघाट जिले मेें 32 समूह के लिए 1 फरवरी से लेकर 7 फरवरी तक ऑललाईन निविदा ली गई थी।ठेकेदारों से प्राप्त निविदा को कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में 8 फरवरी को खोला गया गया था। जिसमें बालाघाट जिले की 13 समूह की शराब दुकानों की निलामी हो गई थी,।जबकि 19 समूह की निलामी शासन द्वारा निर्धारित की गई दरों से कम होने के कारण निविदाएं निरस्त कर दी गई है।जहा रद्द की गई निविदाओं के टेंडर शाशन द्वारा आगामी समय मे जारी किए गए थे जहां 4 समूह की नीलामी की गई।वही 15 समूह के लिए किसी भी ठेकेदार ने बोली नही लगाई थी।इन 15 समूह की नीलामी के लिए पहले टेंडर भरने की अंतिम तारीख 24 फरवरी रखी गई थी,लेकिन किसी भी ठेकेदार ने बोली नही लगाई,फिर इस निर्धारित तारीख को बढ़ाकर 28 फ़रवरी किया गया लेकिन इस अंतिम तारीख को भी किसी भी ठेकेदार ने बोली नही लगाई । उसके बाद मार्च माह में भी इन 15 समूह की 51 दुकानों के लिए कई बार टेंडर जारी किए गए लेकिन विभाग द्वारा कई बार किया गया प्रयास भी विफल होगा।इसी तरह बुधवार को भी शेष 51 दुकानों की नीलामी के लिए टेंडर मंगाए गए किसी भी ठेकेदार ने टेंडर नही भरा।अब अंतिम बार 25 मार्च को विभाग द्वारा टेंडर मंगाए गए है यदि इस बार भी दुकाने नीलाम नही हुई तो फ़िर शाशन के दिशानिर्देश के तहत ही आबकारी अमले को शराब फुकान का संचालन करना होगा।
विभाग को सता रहा कार्रवाई का डर
शराब दुकानों की टेंडर प्रक्रिया बार-बार किए जाने के बाद भी ठेकेदारों द्वारा टेंडर नहीं डाले जाने के चलते जिले के आबकारी विभाग पर भी कार्रवाई का संकट बना हुआ है। उपरी स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण न होने की स्थिति को आबकारी विभाग की सही कार्रवाई न करने को माना जा रहा है।जिसको लेकर आबकारी विभाग के अधिकारी भी चिंतित नजर आ रहे है।
एक ही काउंटर से बिकेगी देशी विदेशी शराब
शाशन ने अपनी आवक बढाने के लिए शराब दुकान की नीतियों में परिवर्तन किया है।जहा मप्र सरकार भी अब महाराष्ट्र सरकार को फॉलो कर एक हो काउंटर से देशी विदेशी शराब बेचने की बात कह रही है ।जहां शाशन की मंशानुरूप 1 अप्रैल से नई नीतियों के तहत अंग्रेजी शराब दुकानों में भी देसी शराब और देसी शराब दुकानों में भी अंग्रेजी शराब मिलने लगेगी।वही पूरे प्रदेश में शराब की कीमतें समान रहेगी यदि 25 मार्च अंतिम दिन भी कोई ठेकेदार दुकान नही लेता और 31 मार्च तक यदि दुकाने किसी को नही दि जाती तो आबकारी पुलिस शेष दुकानों में शराब की बिक्री करते नजर आएगी।
शाशन से पत्र आया है दुकाने संचालित करने की तैयारी करने के निर्देश मिले है-उरांव
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला आबकारी अधिकारी सुरेंद्र कुमार उरांव ने बताया कि जिले में शेष 15 समूह की 51 दुकानों की नीलामी नहीं हो पाई है। इन दुकानों की करीब 160 करोड़ रुपए कीमत है। 1 फरवरी से टेंडर की प्रक्रिया शुरू है बुधवार को भी जारी किए गए टेंडर में किसी ठेकेदार ने रुचि नहीं दिखाई अब कमिश्नर साहब के निर्देशानुसार 25 मार्च को अंतिम बार टेंडर जारी किया जाएगा जिसकी सूचना समस्त ठेकेदारों को दे दी गई है कि वे इस टेंडर प्रक्रिया में भाग ले और दुकाने ले इसके बाद शासन द्वारा दुकानों की नीलामी के लिए कोई टेंडर जारी नहीं किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि शासन द्वारा कलेक्टर महोदय को एक लेटर जारी किया गया है कि यदि 31 मार्च तक दुकानों की नीलामी नहीं हुई तो कर्मचारी ही शेष दुकानों को संचालित करेंगे जिसकी तैयारी पूरी करने के निर्देश मिले है।