मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और किसान वर्ष में दो सीजन में खेती करते हैं जिसका सर्वे पटवारियों के द्वारा किया जाता था परंतु फसल गिरदावरी में पटवारियों की मनमानी से परेशान होकर प्रदेश सरकार ने नया रास्ता तलाश लिया है और डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना के माध्यम से अब फसलों का सर्वे किया जायेगा और फसल की गिरदावरी में लगातार सामने आ रही गड़बड़ी और लेट-लतीफी पर लगाम लगाने के लिए पटवारियों की इस काम से छुट्टी करते हुए गांव के आठवी पास स्थानीय युवाओं को सरकार डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम देने जा रही है और युवा एप के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम करेंगें। साथ ही सर्वेयर को इस काम के एवज में ८ से १० हजार रूपये का भुगतान किया जायेगा। यह सर्वे का कार्य जियो फेंस तकनीक के जरिए होगा लेकिन क्रॉप सर्वे में युवाओं की भर्ती के संबंध में राजस्व विभाग के द्वारा अब तक कोई सूचना या दिशा निर्देश जारी नही किये गये और गुपचुप तरीके से आठवीं से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले युवाओं की भर्ती सर्वेयर के रूप में कर ली गई है जिसकी सूची भी तैयार हो चुकी है जिन्हे २५ जुलाई से प्रशिक्षण दिये जाने की जानकारी मिल रही है। इस तरह ग्राम में बिना मुनादी एवं किसी को सूचना दिये बिना ही चित-परिचितों एवं रिस्तेदारों की नियुक्ति करने का आरोप बेरोजगार युवा एवं जागरूक नागरिक व जनप्रतिनिधियों ने राजस्व विभाग पर लगाया है। जबकि यह भर्ती एक प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए था इसके लिए नियमानुसार विज्ञापन जारी कर आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाने चाहिए थे उसके उपरांत मेरिट सूची तैयार कर युवाओं की भर्ती की जानी चाहिए थी परंतु पटवारियों व कोटवारों की मिली भगत से न कोई प्रक्रिया, न ही कोई मेरिट सूची तैयार किये गये है बल्कि अपने करीबियों की भर्ती कर उन्हे लाभ पहुंचाया जा रहा है जो गलत है इसकी जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने एवं भर्ती को निरस्त कर पुन: भर्ती प्रक्रिया नये सिरे से किये जाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।
इस तरह से होगा सर्वे कार्य
आपकों बता दे कि फसल की गिरदावरी के लिए शासन के द्वारा डिजिटल सर्वे योजना प्रारंभ की जा रही है जिसमेें कक्षा आठवीं पास युवा जिनके पास स्वयं का मोबाइल (एंड्राइड का ६ प्लस वर्जन) इंटरनेट सुविधा के साथ उपलब्ध है उन्हें फसल गिरदावरी का काम दिया जायेगा। जिसके लिए सर्वेयरों का पंजीयन एमपी भू-लेख पोर्टल पर डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य के लिए करवाया जायेगा और गांंव के युवाओं का चयन किया जाना था परन्तु राजस्व विभाग के द्वारा ग्रामीणों को बिना सूचना दिये ही गुपचुप तरीके से भर्ती कर दी गई है जिन्हे २५ जुलाई से राजस्व निरीक्षक के द्वारा प्रशिक्षण दिये जाने की भी बात कही जा रही है। साथ ही फसल गिरदावरी का कार्य जो पूर्व में पटवारी करते थे उक्त कार्य अब क्रॉप सर्वेयर सारा एप पर ओटीपी के माध्यम से करेगें और सर्वेयर संबंधित खेत पर पहुंचेगा जहां जियों फेंस तकनीक से अपने आप खेतों के खसरे नंबर और अन्य जानकारियां दर्ज हो जायेगी जिसके बाद प्रत्येक खेत की फसल की फोटो लेकर सर्वेयर अपलोड करेगा। साथ ही सर्वेयर के द्वारा गिरदावरी में जान बूझकर गडबड़ी की जाती है तो उसे इस काम से हटा भी दिया जायेगा परन्तु लालबर्रा विकासखण्ड सहित बालाघाट जिले के सभी विकासखण्डों में फसलों का गिरदावरी के लिए क्रॉप सर्वेयर की नियुक्ति हो चुकी है जिसकी अधिकांश ग्राम के आठवीं पास बेरोजगार युवाओं को जानकारी नही है जिससे इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर उनमें आक्रोश व्याप्त है। वहीं राजस्व विभाग का कहना है कि शासन के द्वारा भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी और युवाओं व युवतियों ने ऑनलाईन आवेदन किये थे जिसके आधार पर फसल गिरदावरी के लिए सर्वेयर की नियुक्ति हुई है, इस भर्ती में हमारा कोई हस्तक्षेप नही है, लोगों के द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया गया था उसी के अनुसार उनका चयन हुआ है और इस कार्य के लिए सर्वेयर को प्रत्येक खसरे का ८ रूपये का भुगतान किया जायेगा।
दूरभाष पर चर्चा में तहसीलदार संजयसिंह बारस्कर ने बताया कि शासन के द्वारा फसल गिरदावरी (क्रॉप सर्वे) के लिए ८ वीं पास युवाओं ने ऑनलाईन आवेदन किया था, उसी के अनुसार उनका चयन हुआ है, राजस्व विभाग के द्वारा इस तरह की कोई भर्ती नही की गई है, शासन स्तर से ही चयन हुआ है।










































