वन परिक्षेत्र बिरसा दमोह सामान्य अंतर्गत मछुरदा भाग एक बीट कक्ष क्रमांक 1765 के जंगल में वन्यप्राणी लकड़ बग्घा उम्र डेढ वर्ष का शव छत विछत हालत में मिला है, जो एक सप्ताह पुराना है।शनिवार को सूचना मिलते ही मौके पर वन विभाग ने पहुंच कर शव बरामद किया। पशु चिकित्सक की मदद से परीक्षण कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि शनिवार को गश्त के दौरान बीट गार्ड व चौकीदार को मछुरदा भाग एक के जंगल में बदबू आई।वहां पास जाकर उन्हें सूचना दी कि जंगल में तेंदुए क्षत विछत हालत में मृत पड़ा है।इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा पशु चिकित्सक को दी गई।सूचना मिलने पर डीएफओ,एसडीओ व पशु चिकित्सकों के साथ मौके पर गए।पशु चिकित्सकों द्वारा लकड़ बग्घा के रूप में शिनाख्त की गई।
डीएनए परीक्षण के लिए जबलपुर लैब भेजे गए सैंपल
मछुरदा के जंगल में मृत मिले लकड़ बग्घा के शव का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के डा. संजय अग्रवाल, बैहर के डा. आशीष वैद्य व बिरसा के डा. राजीव शेंडे द्वारा शव का परीक्षण किया गया।उसके बाद लकड़ बग्घा का डीएनए परीक्षण के फारेंसिक लैब जबलपुर भिजवाया गया है।डाक्टरों का कहना है कि लकड़ बग्घा की मौत प्राकृतिक रूप से हुई हैं।हालांकि फिर भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।
शव एक सप्ताह पुराना लग रहा है _सौरभ शरणागत
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान बिरसा दमोह सामान्य वन परीक्षेत्र अधिकारी सौरभ शरणागत ने बताया कि मछुरदा के भाग एक वाले जंगल में बीट गार्ड व चौकीदार गश्त कर रहे थे।तभी जंगल में उन्हें बदबू आई।मृत पड़े लकड़ बग्घा के पास जाकर देखा और इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, बैहर व बिरसा के पशु चिकित्सक से परीक्षण कराया गया।जिसमें लकड़ बग्घा का शव एक सप्ताह पुराना होने के साथ करीब डेढ़ साल उम्र थी। प्रारंभिक जांच में ऐसा लग रहा है कि लकड़बग्घा की मौत प्राकृतिक तौर पर सामान्य रूप से हुई होगी। हमने नर लकड़बग्घा के शव के कुछ सैंपल लैब भेजे गए हैं।जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि लकड़बग्घा की मौत आखिर किस कारण से हुई है।