लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। ‘नगर मुख्यालय से होकर गुजरे बालाघाट-सिवनी राज्य मार्ग क्रमांक ७२ की हालत दिनों-दिन बद से बदतर होती जा रही है, गर्मी के दिनों में तो जैसे तैसे नागरिकों ने मार्ग पर मौजूद गड्ढों से होकर आवागमन किया है परंतु वर्तमान में जारी बरसात के दौर में मार्ग पर बने बड़े-बड़े गड्ढे एवं इन गड्ढों में जमा हो रहा बरसाती पानी मौत को दावत देता नजर आ रहा है जिसकी ओर अब तक प्रशासन का कोई ध्यान नही है, यदि जल्द से जल्द प्रशासन के द्वारा राज्य मार्ग क्रमांक ७२ के गड्ढों का पेंच कार्य एवं बरसाती पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नही करवाई तो आगामी दिनों में किसी बड़ी दुर्घटना के घटित होने से इंकार नही किया जा सकता है’- यह मामला सिवनी-बालाघाट राज्य मार्ग क्रमांक ७२ का है जहां पर लगभग छ: माह पूर्व मेंटेनेंस के नाम पर पेंच कार्य के मापदंडों को दरकिनार कर शासकीय राशि का दुरूपयोग करते हुए गुणवत्ताहीन तरीके से गड्ढे भरे गये जिसके बाद बारिश का मौसम आते ही गड्ढों में डाली गई कमजोर गिट्टी उखडक़र गायब हो गई है, ऐसे हालातों में मार्ग पर मौजूद खतरनाक गड्ढों में बरसात होते ही जिले की अंतिम सीमा कंजई से लेकर औद्योगिक नगरी गर्रा तक जगह-जगह पर बरसाती पानी जमा होकर डोबरे की शक्ल धारण कर रहा है, सडक़ के गड्ढों में पानी भरने के बाद आवागमन करने वाले लोगों को गड्ढों का पता नही चल पाता है जिससे तेज गति होने के कारण वाहन अनियंत्रित हो रहे है वहीं पटरी भराई ना होने के कारण दुपहिया वाहन चालकों पर निरंतर जान का खतरा मंडरा रहा है। बारिश के दौर में ३० जुलाई को जब पद्मेश की टीम ने कंजई से लालबर्रा तक राज्य मार्ग क्रमांक २६ के हालातों का जायजा लिया तो पाया कि कंजई बेरियर पुलिया, बोट्टा हुडक़ी, पोंडी, सिहोरा ढाबे के सामने व कटंगटोला में सडक़ पर मौजूद खतरनाक गहरे गड्ढों से होकर तेज गति से वाहन आना-जाना कर रहे है, इस दौरान तेज गति से गुजरे कई वाहन अनियंत्रित होते नजर आये परंतु किसी प्रकार का गंभीर हादसा घटित नही हुआ वहीं दुपहिया वाहन चालकों के द्वारा बड़ी मुश्किल से वाहन को नियंत्रित किया गया, राज्य मार्ग पर कंजई से लेकर बकोड़ा तक सडक़ के दोनों ओर पटरी नहीं भरी गई है जिसके कारण मार्ग के दोनों ओर नालीनुमा स्वरूप निर्मित हो चुका है। हम आपको बता दें कि बदलते समय के साथ ट्रेफिक बढऩे के बावजूद राज्य मार्ग की मरम्मत हेतु पुख्ता कदम ना उठाये जाने के चलते ऐसे हालात निर्मित हो गये है कि आम नागरिकों को जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ रहा है लेकिन संबंधित विभाग का इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं हो पा रहा है। प्रशासन से जर्जर सडक़ का नवीन डामरीकरण कर पटरी भराई करने की मांग जागरूक लोगों ने की है ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
एमपीआरडीसी विभाग ने निकाला पांच करोड़ का टेंडर
एमपीआरडीसी विभाग की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार २८ अप्रैल २०२१ को बालाघाट-सिवनी राज्य मार्ग क्रमांक ७२ के रखरखाव एवं नवीनीकरण हेतु टेंडर निकाला गया है जिसमें ८७ किमी. लंबी सडक़ के रखरखाव व नवीनीकरण हेतु अनुमानित लागत पांच करोड़ एक लाख रूपये यानि पांच सौ एक लाख रूपये दर्ज है, इस टेंडर प्रक्रिया का दस्तावेज वेबसाइड में उपलब्ध है परंतु टेंडर स्वीकृत होने के पश्चात की कार्यवाही का फिलहाल कोई ब्यौरा वेबसाइट में मौजूद नही है। इस टेंडर प्रक्रिया से यह बात साफ है कि हाल ही में तीन-चार माह पहले मार्ग की मरम्मत व कहीं-कहीं पर करवाया गया डामरीकरण कार्य किसी और स्वीकृति के माध्यम से करवाया गया है एवं अब मार्ग का रखरखाव व नवीनीकरण किया जाना प्रस्तावित है।
टोल प्लाजा प्रारंभ करने २२ जुलाई को हुआ एग्रीमेंट
सिवनी-बालाघाट राज्य मार्ग क्रमांक ७२ पर टोल कलेक्शन हेतु टोल प्लाजा प्रारंभ करने हेतु २२ जुलाई को एमपीआरडीसी विभाग के द्वारा दिल्ली की कंपनी से एग्रीमेंट किया गया है जिसके पश्चात विभागीय तौर पर एग्रीमेंट होने के बाद संबंधित कंपनी के द्वारा टोल प्लाजा प्रारंभ करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
जनपद अध्यक्ष व सदस्यों ने लिया जायजा
राज्य मार्ग क्रमांक ७२ में जगह-जगह पर बने गड्ढों के कारण आवागमन में हो रही परेशानियों का ३० जुलाई को जनपद अध्यक्ष श्रीमती किरण मरावी, जनपद सदस्य किशोर पालीवाल व जनपद सदस्य प्रतिनिधि अजय ठाकुर ने जायजा लिया एवं जिला प्रशासन से मार्ग का पुन: डामरीकरण करने के उपरांत सिवनी व बालाघाट में टोल नाका प्रारंभ किये जाने की बात कही। जनप्रतिनिधियों ने चर्चा में कहा कि एक ओर राज्य मार्ग क्रमांक ७२ में सिवनी से गर्रा तक सडक़ की हालत खराब हो गई है, जगह-जगह पर गड्ढे हो गये है वहीं शासन द्वारा टोल नाका प्रारंभ किये जाने की जानकारी मिल रही है इसलिये शासन-प्रशासन से मांग है कि पहले सडक़ की मरम्मत कर मजबूती से डामरीकरण किया जाये उसके बाद ही टोल नाका चालू किया जाये।
गुणवत्ताविहीन तरीके से की गई थी मरम्मत – शरद
लालबर्रा निवासी शरद जैन ने बताया कि कंजई में उनकी दुकान है इसलिये वे रोजाना इसी मार्ग से होकर जाते है, लगभग १३ किमी.दूरी तक रोड की बहुत बेकार स्थिति है, तीन चार महीने पहले ही विभाग के द्वारा मरम्मत की गई परंतु वह काम गुणवत्ताविहीन तरीके से करवाया गया जो दो-तीन दिन की बारिश में धुल गया है, तीन-चार जगह पर बहुत ही भयंकर स्थिति है, हमारी मांग है कि नया ठेका करवाकर पुन: नई रोड बनाई जाये।
सडक़ की मरम्मत के बाद चालू किया जाये टोल नाका – किशोर
जनपद सदस्य व भाजपा नेता किशोर पालीवाल ने कहा कि सिवनी से बालाघाट व बालाघाट से गोंदिया को राष्ट्रीय राज्य मार्ग घोषित किया गया है, बरसात के दिनों में इस सडक़ की हालत खराब हो जाती है, प्रशासन व मुख्यमंत्री से निवेदन है कि चूंकि यह रोड स्वीकृत हो गई है इसलिये इसका काम जल्द चालू करवाया जाये, सडक़ में जगह-जगह पर गड्ढे है इसलिये पहले ठेकेदार बालाघाट से सिवनी तक पूरी तरह से मार्ग की मरम्मत करवाये उसके बाद ही टोल नाका प्रारंभ किये जायें।
आये दिन हो रही है दुर्घटनाएं – अजय
जनपद सदस्य प्रतिनिधि अजय ठाकुर ने कहा कि बालाघाट-सिवनी मार्ग की बहुत बुरी स्थिति है, आये दिन गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं हो रही है, खबर मिलने पर हम लोगों के द्वारा घायल लोगों की मदद की जाती है एवं सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब घायल होने वाले लोग बाहर के हों। श्री ठाकुर ने कहा कि जनता रोड टैक्स दे रही है परंतु रोड की मरम्मत सहीं तरीके से नही हो रही है, गुणवत्ता से काम नही होते है।
काम के नाम पर खानापूर्ति करवा रहा प्रशासन – श्रीमती मरावी
जनपद अध्यक्ष श्रीमती किरण मरावी ने कहा कि मार्ग में ऐसी स्थिति हो गई है कि पैदल चलना भी दुश्वार हो चुका है और जानकारी मिली है कि बरघाट व गर्रा में टोल प्लाजा चालू होने वाला है, प्रशासन से सवाल यही है कि जब रोड ही नही है तो टोल प्लाजा किस हिसाब से चालू हो रहा है, पहले रोड बनायें फिर टोल प्लाजा चालू करें। श्रीमती मरावी ने कहा कि खराब सडक़ के कारण गर्भवती महिलाओं व गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को इलाज हेतु अस्पताल तक पहुंचाने में काफी परेशानियां हो रही है, कहीं-कहीं पर काम हो रहा है परंतु काम के नाम पर प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करवा रहा है, ऐसी स्थिति में यदि अनावश्यक मृत्यु होती है तो इसका जवाबदार प्रशासन ही होगा।