पुरातत्व विभाग द्वारा लालबाग परिसर के समग्र विकास की कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसमें लालबाग का पार्क, बाउंड्रीवाल सहित अन्य कार्य शामिल रहेंगे। साथ ही पुराने आरटीओ कार्यालय यानी रामपुर कोठी का संरक्षण भी किया जाएगा। लालबाग पैलेस और परिसर की इस कार्ययोजना की जिम्मेदारी विश्व धरोहर निधि (डब्ल्यूएमएफ) को दी गई है। शनिवार को लालबाग पैलेस में पुरातत्व आयुक्त शिवशेखर शुक्ला की मौजूदगी में हुई बैठक में यह तय हुआ। इस दौरान संभागायुक्त डा. पवन शर्मा, पुरातत्व विभाग के अधिकारी, डब्ल्यूएफ का काम देख रहे वास्तुविद और स्मार्ट सिटी के इंजीनियर आदि मौजूद थे।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि लालबाग की धरोहर के संरक्षण के लिए प्रस्ताव तो तैयार किया जाए। जहां तक धन की जरूरत पड़ेगी तो केंद्र या राज्य सरकार कहीं से भी इंतजाम किया जाएगा। सभी अधिकारियों ने लालबाग पैलेस में विभाग व डब्ल्यूएमएफ की ओर से चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। डब्ल्यूएमएफ के लिए काम कर रही कंपनी की आर्किटेक्ट साक्षी ने पैलेस के अंदर अब तक हुए संरक्षण कार्यों की जानकारी दी। अधिकारियों ने पैलेस के बाहर स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे काम भी देखे। इस दौरान भोपाल से आए पुरातत्व अधिकारी डा. आरसी यादव, इंजीनियर एसके नामदेव, पुरातत्व विभाग के उप संचालक एसआर वर्मा, लालबाग प्रभारी डीपी पांडे, उप यंत्री अजय गुप्ता, विकास जैन आदि मौजूद थे।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के इंजीनियरों ने पैलेस के बाहर ड्रेनेज लाइन बनाते समय होलकारकालीन पुरानी और ऐतिहासिक ड्रेनेज लाइन को काफी नुकसान पहुंचाया। इसे लेकर पुरातत्व आयुक्त ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पुरानी ड्रेनेज लाइन को बचाकर रखा जाए और इसकी मरम्मत की जाए। इससे पहले डब्ल्यूएमएफ का काम देख रहे प्रतिनिधि भी पुरातत्व विभाग के संज्ञान में यह मामला लाए थे। तब पुरातत्व विभाग ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को पत्र लिखकर पुरातात्विक महत्व के निर्माण और स्ट्रक्चर को बचाते हुए काम करने के निर्देश दिए।










































