नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत मानपुर से होकर गुजरे बालाघाट-सिवनी हाईवे मार्ग पर वन विभाग के द्वारा वन संपदा की चोरी को रोकने के उद्देश्य से चेकपोस्ट बनाया गया था जहां पर हाईवे मार्ग से जो वाहन गुजरते थे उनकी जांच की जाती थी परंतु विगत ३-४ वर्षांे से वन विभाग के द्वारा मानपुर बैरियर के चेकपोस्ट (नाका) को बंद कर दिया गया है एवं देखरेख के अभाव में चेकपोस्ट का कार्यालय भवन खण्डहर में तब्दील हो चुका है। साथ ही बैरियर में वाहनों को रोकने के लिए लगा लकड़ी का बना हुआ नाका मार्ग के दुसरी ओर से लटका हुआ है अगर वह अचानक टूटकर मार्ग के बीचमें गिरता है तो आने-जाने वाले चोटिल हो सकते है और बड़ा हादसा घटित हो सकता है। साथ ही चेकपोस्ट बंद हो जाने के बाद से दिन व रात में दो पहिया, चार पहिया वाहन तेज गति से गुजर रहे है जिससे बड़ी दुर्घटनाएं घटित होने का अंदेशा बना हुआ है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे राहगीरों व ग्रामीणजनों में शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़तेे जा रहा है। आपकों बता दे कि वन विभाग के द्वारा वन संपदा की चोरी को रोकने के उद्देश्य से हाईवे मार्ग पर चेकपोस्ट बनाया जाता है इसी तरह मानपुर (लालबर्रा) बैरियर चौक में चेकपोस्ट बनाया गया था जहां से ओवरलोड़ वाहनों की चेकिंग के साथ ही अगर किसी क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाकारित कर वाहन फरार हो जाता था तो चेकपोस्ट मेें बैठे कर्मचारियों को ग्रामीण सूचना दे देते थे तो उक्त वाहन को रोक लिया जाता था और मानपुर बैरियर स्थित चेकपोस्ट जिस समय चालू था उस समय वनसंपदा व अन्य अवैध सामग्रियों की चोरियां भी कम होती थी क्योंकि चोरों को डर रहता था कि मानपुर स्थित चेकपोस्ट में वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा वाहनों की जांच कर अवैध पाये जाने पर पकड़ लिया जायेगा परन्तु जब से चेकपोस्ट बंद हुआ है तब से वनसंपदा सहित अन्य तस्करों की तस्करी बढ़ चुकी है और बिना संकोच के अवैध कारोबार की सामग्री अन्य राज्यों की ओर जाने लगा है। वहीं दूसरी ओर भवन भी खण्डहर होने के साथ ही सड़क किनारे गड्डे भी बन गये है ऐसी स्थिति में किसी भी समय बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। राहगीरों व आमजनों ने शासन-प्रशासन से मानपुर बैरियर चौक में बंद चेकपोस्ट को शुरू करवाने की मांग की है।
चेकपोस्ट को प्रारंभ करवाने की उठी मांग
लालबर्रा विकासखण्ड के आसपास के क्षेत्रों में घने जंगल है जिसमें वन्य जीव भी भारी मात्रा में पायेजाते हैं साथ ही बड़ेे पैमाने में खनिज संपदा भी जंगलों में भरी पड़ी है जहां से वन तस्कर ईमारती पेड़ों की कटाई करते हैं, पहाडिय़ों से मुरूम का अवैध उत्खनन और वन क्षेत्रों से अवैध रूप से रेत निकालकर उसका परिवहन करते हैं परन्तु मानपुर बैरियर में चेकपोस्ट होने से इस अवैध कारोबार में लगाम लगी हुई थी परंतु विगत ३-४ वर्ष से वनविभाग का मानपुर स्थित बैरियर का चेकपोस्ट बंद हो जाने से अवैध कारोबार बढ़ रहा है। चर्चा में ग्रामीणों ने बताया कि विगत कई वर्षाे से बालाघाट-सिवनी हाईवे मार्ग मानपुर में बने वनविभाग का चेकपोस्ट अचानक बंद हो गया है जिसके कारण चार पहिया वाहन तेज गति से गुजर रहे है एवं चोरियों की वारदात भी बढ़ रही है और वन विभाग ने चेकपोस्ट को क्यों बंद किया है यह समझ से परे लग रहा है। साथ ही यह भी बताया कि हाईवे मार्ग पर वनविभाग का चेकपोस्ट होना अतिआवश्यक है क्योकि लालबर्रा क्षेत्र वनसंपदा से भरा हुआ है इसके आसपास बड़े बड़े घने जंगल है जहां पर बड़ी संख्या में वन्यजीव व इमारती लकडिय़ां है और वनविभाग के द्वारा इमारती लकड़ी व वन्यजीव की तस्करी को रोकने के लिये यह चेकपोस्ट बनाया गया था जिसके माध्यम से लालबर्रा क्षेत्र से होने वाली वनसंपदा की तस्करी पर अंकुश लग सके और चेक पोस्ट होने से दुर्घटनाएं भी कम होती थी क्योंकि चेकपोस्ट पर वाहन खड़े होने से वाहनों की स्पीड कम हो जाती थी परंतु विगत ३-४ वर्षाे से वनविभाग के द्वारा यह चेकपोस्ट पुरी तरह से बंद कर दिया गया है जिससे दुर्घटनाएं तो बढ़ी है साथ ही वनसंपदा की तस्करी बड़ी संख्या में होना प्रारंभ हो चुकी है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि पुन: इस चेकपोस्ट को प्रारंभ करें ताकि हमारे क्षेत्र की वन संपदा की अवैध तस्करी व तेज गति से गुजर रहे वाहनों से हो रहे दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।
दक्षिण सामान्य वन विभाग लालबर्रा के रेंजर हर्षित सक्सेना ने दूरभाष पर बताया कि मानपुर बैरियर चौक में बने चेकपोस्ट (नाका) बंद है, उसे शुरू करवाने एवं खण्डहर भवन को डिस्मिंटल के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जायेगा।










































