वर्षों से लंबित विभिन्न मांगों को लेकर इंजीनियर्स करेंगे सरकार का विरोध

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वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगे पूरी न होने से सरकार के अधीनस्थ विभिन्न विभागों में कार्य करने वाले इंजीनियर्स प्रदेश सरकार से खासा नाराज है। जो सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं। जहां पदोन्नति दिए जाने,संविदा इंजीनियर्स को नियमित करने सहित वर्षों से लंबित विभिन्न मांगो को पुरी कराने के लिए कई बार आंदोलन प्रदर्शन करने पर भी सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नही की। इसके चलते इंजीनियर्स प्रदेश सरकार से नाराज है जो सड़क पर उतरकर आंदोलन की योजना बना रहे है।नियमितीकरण, पदोन्नति के इसके अलावा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर अपनी आगामी रणनीति बनाने के लिए मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स का जबलपुर में 21 जनवरी को प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन किया गया है। जिसमें बालाघाट के 200 से अधिक इंजीनियर्स इस अधिवेशन में शामिल होने शनिवार को रवाना हुए। बताया जा रहा है की इस प्रांतीयअधिवेशन में 2 वर्षों के लिए मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन की नवीन कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। तो वही इंजीनियर के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

सरकार मांग पूरी करे, ताकि हमें आंदोलन के किए मजबूर ना होना पड़े- अजय रावतकर
रविवार को जबलपुर में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन को लेकर की गई चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन प्रांतीय पदाधिकारी अजय रावतकर ने बताया कि जो सब इंजीनियर के पद पर भर्ती होता है वह 40 साल तक सरकार को अपनी सेवाएं देकर सब इंजीनियर के पद पर ही रिटायर हो रहा है। 40 साल नौकरी करने के बाद भी उसे पदोन्नति नहीं मिल रही है। हमारे कई संविदा कर्मचारी 20-20 वर्षों से आरईएस, मनरेगा सहित अन्य जगह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उस पर भी उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है। इंजीनियर से सभी कार्य कराए जा रहे हैं पर उनकी वर्षों से लंबित विभिन्न मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि इंजीनियर ने काम करना बंद कर दिए तो विकास कार्य ही बंद हो जाएंगे। सरकार जो विकास से यात्रा निकाल रही है वह भी नहीं निकल पाएगी, ऐसे कई मुद्दे हैं जिनको लेकर हमें सरकार का विरोध करना है।जिसकी रणनीति प्रांतीय अधिवेशन में वबाई जाएगी। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों को पूरा करें ताकि हमें मजबूरन आंदोलन न करना पड़े

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