देश की सियासत में आपातकाल को एक काले अध्याय के रूप में देखा जाता है। इमरजेंसी के दौरान समूचे विपक्ष को जहां जेल की कोठरियों में भर दिया गया था और इंदिरा गांधी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण फैसले संजय गांधी लिया करते थे। तब सत्ता के गलियारों में एक और नाम चर्चा में रहता था, जिसकी तूती बोलती थी और वो नाम था ‘रुखसाना सुल्ताना’ का।
कौन थी Rukhsana Sultana
इमरजेंसी में संजय गांधी की भूमिका काफी अहम मानी जाती थी और ऐसे समय में संजय गांधी की बेहद करीबी मित्र Rukhsana Sultana सत्ता के गलियारों में काफी ताकतवर हो गई थी। रुखसाना सुल्ताना की पहचान वैसे तो एक समाज सेविका के तौर पर थी, लेकिन बाद में संजय गांधी से करीबी ही उनकी खास पहचान बन गई। यही कारण था कि इंदिरा गांधी की साथ संजय की पत्नी मेनका गांधी भी उन्हें खास पसंद नहीं करती थी।
रशीद किदवई ने किताब में किया जिक्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद किदवई ने अपनी किताब ’24 अकबर रोड’ में इमरजेंसी, संजय गांधी और Rukhsana Sultana से जुड़े किस्सों के बारे में विस्तार से जिक्र किया है। किताब में किदवई ने कई किस्सों को जिक्र करते हुए बताया कि संजय गांधी से करीबी के कारण कैसे रुखसाना सुल्ताना सियासी तौर पर काफी ताकतवर हो गई थी।










































