- टायलेट व पानी की व्यवस्था होना दूर, झाड़ू लगवाने तक की व्यवस्था नहीं की है
Gwalior News:ग्वालियर. शहर के प्रमुख मार्गों से संचालित होने वाली लंबी दूरी की वीडियो कोच बसों के झांसी रोड स्थित पालीटेक्निकल कालेज के खाली ग्राउंड एक माह पहले शिफ्ट कर दिया गया। बस संचालकों को भरोसा दिलाया था कि एक महीने में कम दूरी के बस स्टेंड की तरह यहां भी जुनसुविधाएं उपलब्ध कराईं जाएंगीं। एक माह गुजरने के बाद इस बस स्टेंड में जनसुविधाओं के नाम धूल उड़ रही है। ग्राउंड में चारों तरफ गंदगी फैली हुई हैं। इसी गंदगी के बीच बसें खड़ी हुईं हैं। बस स्टेंड में एक माह से झाडू लगवाने की तक की व्यवस्था नहीं की गई है।शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए सबसे पहले कम दूरी को बसों को आमखो से झांसी रोड पर शिफ्ट किया गया था। इस बस स्टेंड में शापिंग सेंटर के साथ सुलभ शौचालय भी है। यह अलग बात है कि गंदगी का अंबार यहां भी है। बस को व्यवस्थित खड़े करने की कोई व्यवस्था नहीं हैं। इसी बस स्टेंड अब मिस्त्री आकर जाम गए हैं। शहर में सबसे बड़े जाम का कारण वीडियो कोच बसें थी। जो कि कंपू, पड़ाव, महल गेट, हुजरात पुल, राक्सी पुल व बेटी बचाओ चौराहे के साथ गोला का मंदिर चौराहे से संचालित हो रहीं थी।
1 जनवरी को शिफ्ट किया वीडियो कोच बस स्टेंड- संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना के कलेक्टर व एसपी के साथ जिले के आला अधिकारियों के साथ सिटी बस में बैठकर शहर की ट्रैफिक समस्याओं को चिन्हित करने के लिए घूमे थे। झांसी रोड स्थित वीडियो कोच बस स्टेंड के लिए प्रस्तावित बस स्टेंड को देखने के लिए गए थे। संभागीय आयुक्त ने नगर निगम व ट्रैफिक को 1 जनवरी से शहर के प्रमुख मार्गों से संचालित होने वाली वीडियो कोच बस स्टेंड को झांसी रोड पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। कमिश्नर ने नगर निगम को एक माह में यात्रियों को मूलभूल सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वीडियो कोच बसों का संचालन दो जनवरी से इस ग्राउंड से शुरू हो गया।
ढ़ेंकम से काम टायलेट की व्यवस्था तो हो- संजय अग्रवाल निवासी विनय नगर ने बताया कि वह पहली बार इस नए बस स्टेंड पर इंदौर जाने के लिए आए हैं। ग्राउंड मिट्टी का होने के कारण यहां बस के निकलते ही पूरा ग्राउंड धूल से भर जाता है। इसके साथ ही टायलेट तक की व्यवस्था नहीं है। जबकि बस स्टेंड पर सुलभ शौचालय, प्रतिक्षालय भी होना चाहिए। रोड टैक्स में बस स्टेंडों पर जनसुविधा उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम का भी हिस्सा होता है। बाहर से आने वाले लोग भी बस स्टेंड की हालत देखकर शहर के संबंध में भी गलत धारणा बना लेते हैं। इसलिए बस स्टेंड व रेलवे स्टेशन को स्वच्छ और साफ रखना जरूरी होता है।
स्टाफ परेशान होता है- लंबी दूरी की बसें यहां से संचालित होने के कारण बस स्टाफ को सुलभ शौचालय की आवश्यकता होती है। बस क्लीनर रामनरेश ने बताया कि बस पर दिनभर रहना होता है। लेकिन यहां टायलेट तक इंतजाम नहीं हैं।










































