बालाघाट(पद्मेश न्यूज)। नगर समीप वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर उस समय सनसनी फैल गई जब एक छात्रा ने छोटे पुल सी नदी में छलांग लगा दी और छात्रा देखते देखते नदी के बहाव में बह गई । यह घटना 29 जुलाई के करीब 12:45 बजे घटित हुई। इस छात्रा ने अपना बैग और मोबाइल पुल के ऊपर रखकर नदी में छलांग लगाई।यह छात्रा कु रुचि पिता नन्दकिशोर उईके 20 वर्ष लुक्कू टोला ग्राम नरोड़ी (कोचेवाही) वारासिवनी निवासी है जो वारासिवनी कॉलेज की बीएससी द्वितीय वर्ष मैं पढ़ाई करती थी। इस घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस के अलावा गोताखोरों ने नदी में एक छात्रा की खोज में शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 जुलाई को 12:45 बजे करीब एक लड़की वैनगंगा नदी के छोटे पुलिया पर पहुंची और इस लड़की ने अपना बैग पुलिया के ऊपर रखकर एकाएक नदी में छलांग लगा दी और नदी में छलांग लगाने के साथ ही यह लड़की पानी के तेज बहाव में बढ़ गई इस लड़की को नदी में छलांग लगाते हुए बड़े पुल से गुजर रहे एक मोटरसाइकिल सवार ने देखा और उसने तुरंत 100 डायल को सूचना दी। सूचना मिलते ही 100 डायल के कर्मचारी तुरंत वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर पहुंचे देखें पुलिया के ऊपर एक बैग और मोबाइल पड़ा था। मोबाइल लॉक था। बैग के अंदर मिले कुछ शैक्षणिक दस्तावेजों में लड़की का नाम कुमारी रूचि पिता नंदकिशोर उईके एवं एडमिट कार्ड में रीजनल सेंटर नंबर कोड छिंदवाड़ा-15 जिसमें यह छात्रा शंकरसाव पटेल कॉलेज वारासिवनी की हो ना पाई गई।और वह बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। इस घटना के कुछ देर बाद इस छात्रा के मोबाइल से कुछ परिवार के कॉल आने पर उन्हें इस छात्रा द्वारा नदी में छलांग लगाने के संबंध में जानकारी दी गई। 100 डायल की सूचना पर कोतवाली पुलिस के अलावा होमगार्ड के गोताखोरों द्वारा वैनगंगा नदी में इस छात्रा की खोजबीन शुरू कर दी।
माता-पिता की इकलौती बेटी थी छात्रा रुची
जानकारी मिलने पर ही छात्रा रुचि उनके के परिवार के लोग वैनगंगा नदी पहुंच गये। बताया गया है कि रूचि उईके कि अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। जिसके परिवार में दो भाई और माता-पिता है। पिता नंदकिशोर उईके ग्राम बुदबुदा में शिक्षक है और मां कस्तूरा उईके वन विभाग कटंगी में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर पदस्थ है ।सभी लोग कटंगी में ही रहते हैं और अपने पैतृक गांव समय-समय पर आ जाना करते हैं। गांव में रुचि उईके के दादा दादी रहते हैं।रुचि उईके वारासिवनी कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा थी उसने हाल ही में पॉलिटेक्निक सिविल में कंप्लीट किया था । परिवार में किसी प्रकार का कोई विवाद टेंशन नहीं था और ना ही रुचि कोई मानसिक तनाव में रहती थी । वह अपना ध्यान पढ़ाई पर ही रखती थी।
सुबह 7:30 बजे अपने बड़े भाई के साथ कॉलेज आई थी रुचि
हाल ही में रुचि की एग्जाम चल रही थी। रुची को उसका बड़ा भाई अंकित उईके प्रतिदिन मोटरसाइकिल में कटंगी से वारासिवनी कॉलेज छोडऩे आता था और कॉलेज से अपने साथ ले जाता था। 29 जुलाई को परिवार में सब सामान्य था ।सुबह 7 बजे अंकित ने अपनी बहन रुचि को मोटरसाइकिल में कटंगी से वारासिवनी कॉलेज छोड़ा था। जिसका छोटा भाई वीरेंद्र उईके भी सतपुड़ा कॉलेज जे ई ई की एग्जाम देने आया था ।रुचि ने अपने कॉलेज में एग्जाम भी दी और एग्जाम देने के बाद वह एकाएक कॉलेज से चली गई। 12 बजे करीब जब अंकित उईके कॉलेज पहुंचा तब रुचि कॉलेज में नहीं थी। अंकित से उसे खोजा किंतु रुचि नहीं मिली जिसके कुछ देर बाद ही बालाघाट से पुलिस वालों का फोन आया कि आपकी बहन का मोबाइल बैग वैनगंगा नदी के पुलिया के ऊपर मिला है। कुछ लोगों ने नदी में छलांग लगाते हुए देखेंगे ।इस सूचना पर रुचि के पूरे परिवार के लोग वैनगंगा नदी पहुंचे। बताया गया है कि यह घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस ने वैनगंगा नदी के छोटे पुलिया में पहुंचकर जांच पड़ताल की वही होमगार्ड के गोताखोरों ने भी नदी में रुचि की खोजबीन शुरू की छोटे फूल से जागपुर घाट तक रुचि की तलाश की जा रही किंतु नदी में पानी का तेज बहाव होने के कारण कोई पता नहीं चला है।
रुचि को किसी प्रकार का कोई टेंशन नहीं था- भाई अंकित उईके
अंकित उईके ने पद्मेश न्यूज़ बताएं कि रुचि उसकी सिस्टर है और वह बीएसपी के एग्जाम देने के लिए वारासिवनी कॉलेज आई थी। सुबह 7:30 बजे उसे कॉलेज मैं ने ही कॉलेज छोड़ा था।उसने एग्जाम भी दी जब वह 12 बजे कॉलेज पहुंचा तब रुचि का पता नहीं चला ।उसके बाद पुलिस वालों का फोन आ गया बताएं कि आपकी सिस्टर यहां पहुंच गई है उसका बैग मोबाइल यहां पड़ा हुआ है। खबर मिलते ही हम लोग यहां पहुंचे। अभी तक रुचि की बॉडी नदी में नहीं मिल पाई है ।अंकित उईके ने बताया कि परिवार में कोई विवाद नहीं था रुचि को पढ़ाई का कोई टेंशन ही था। परिवार में पापा टीचर है और मम्मी कटंगी में फॉरेस्ट गार्ड है। रुचि को वह 2 दिन से एग्जाम देने के लिए वारासिवनी कॉलेज ला रहा था और अपने साथ ले जाता था। रुचि ने ऐसा क्यों कदम उठाई पता नहीं।