शासन के आदेश के खिलाफ निजी चिकित्सक संघ ने बनाई आंदोलन की रणनीति

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शहरी क्षेत्र से लेकर तहसील,व ग्रामीण कस्बो में स्वास्थ्य सेवा देने वाले निजी चिकित्सकों फर्जी डिग्रीधारी व झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करने के आदेश पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा जारी किए गए थे। जहां 15 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए इन आदेशो के तहत जिले में सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसे निजी व झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। जिसका ग्रामीण व कस्बो क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के उपचार करने वाले निजी चिकित्सकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। जहां मुख्यमंत्री के इस आदेश का न सिर्फ निजी चिकित्सक विरोध कर रहे हैं, बल्कि अब सीएम के पार्टी के भाजपा विधायक, जिला अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री के इस आदेश के विरोध में है। जिन्होंने निजी चिकित्सको का समर्थन करते हुए प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध किया है। जिनका पिछले कुछ दिनोंसे जारी यह विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार बढ़ते ही जा रहा है।इसका एक नजारा गुरुवार को नगर के भटेरा रोड़ स्थित एक होटल में आयोजित बैठक के दौरान देखने को मिला।जहां धनवंतरी शहरी व ग्रामीण चिकित्सक संघ बालाघाट द्वारा आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा झोलाछाप डॉक्टर को लेकर जारी किए गए आदेश ,औऱ जिले भर में आदेश के मुताबिक चल रही प्रशासनिक कार्यवाही पर चर्चा कर ,निजी चिकित्सकों के मत जाने गए। तो वही उपस्थित सभी चिकित्सकों व जनप्रतिनिधियों ने इस आदेश और कार्यवाही का खुलकर विरोध किया। इसके अलावा बैठक के दौरान निजी चिकित्सको से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर, संगठन को मजबूत करने पर विचार विमर्श किया गया।तो वही वर्तमान समय में जारी किए गए मुख्यमंत्री के आदेश और जिले भर में चल रही कार्यवाही को लेकर संगठन द्वारा प्रदेश स्तरीय आंदोलन किए जाने की रणनीति बनाई गई है।जहा संगठन द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि सभी विधायकों और सांसदों के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्र देकर इस आदेश को रद्द करने की मांग की जाएगी, तो वही जिले भर में चल रही प्रशासनिक कार्यवाही को रोके जाने की गुहार लगाई जाएगी यदि सरकार नहीं मानती तो प्रदेश स्तर पर निजी चिकित्सकों द्वारा संगठन के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।

सरकार से प्रशिक्षण प्राप्त है डिग्री भी हैं तो फिर हम फर्जी कैसे हो गए
धनवंतरी शहरी व ग्रामीण चिकित्सक संघ बालाघाट द्वारा आयोजित इस बैठक में जहां एक ओर चिकित्सकों ने बारी-बारी से अपने विचार व्यक्त करते हुए अपनी व्यथा सुनाई,तो वही कोरोना काल सहित अन्य अवसरों में दी गई सेवाओं को याद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में दिए गए योगदान का आभास कराया।तो वही निजी चिकित्सको ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए इन आदेशों का विरोध करते हुए इन आदेशों को यथाशीघ्र रद्द किए जाने की मांग की।इसके अलावा उन्होंने जिले भर में की जा रही प्रशासनिक कार्यवाही का भी खुलकर विरोध किया है। वही आयोजित इस बैठक में उपस्थित कटंगी विधायक गौरव पारधी, भाजपा जिला अध्यक्ष एंव पूर्व मंत्री रामकिशोर नानो कावरे,जनपद उपाध्यक्ष बालाघाट शंकर लाल बिसेन और जिला पंचायत सभापति भी। मुख्यमंत्री के इस आदेश पर निजी चिकित्सकों के पक्ष में नजर आए, तो वहीं उन्होंने भी डिग्रीधारी और किसी भी पैथी के आधार पर लोगों का उपचार करने वाले चिकित्सकों पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने की मांग की। तो वहीं उन्होंने पूर्व में केंद्र से आए निर्देशों के मुताबिक पैथी व डिग्रीधारी निजी चिकित्सकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वास्थ्य रक्षक व ग्राम रक्षक बनाने की मांग की है। चिकित्सकों का आरोप है कि उनके पास डिग्री है कार्य का अनुभव है यहां तक की सरकार ने खुद उन्हें प्रशिक्षण दिया है इन सब के बावजूद भी अब सरकार निजी चिकित्सकों को फर्जी चिकित्सक कहकर न सिर्फ उनका अपमान कर रही है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली सेवाओं को भी नकारा जा रहा है। इसी मुद्दे पर चर्चा करते हुए धनवंतरी शहरी व ग्रामीण चिकित्सक संघ द्वारा मुख्यमंत्री के इस आदेश के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाई गई है।

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